दिल्ली विस्फोट केस : मोहम्मद हुसैन फ़ाज़िल और मोहम्मद रफीक शाह बाइज़्ज़त बरी, तारिक डार की सजा भी पूरी

नई दिल्ली: अक्टूबर 2005 में हुए दिल्ली सीरियल बम धमाकों के मामले में आरोपी मोहम्मद रफीक शाह और मोहम्मद हुसैन फ़ाज़िल को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. जबकि कोर्ट ने तीसरे आरोपी तारिक डार को 10 साल की सजा सुनाई. हालांकि डार पहले ही 11 साल की सजा काट चुके हैं, इसलिए अदालत ने उसकी सजा को मुकम्मल मान लिया है. उल्लेखनीय है कि 2005 में दीवाली से एक दिन पहले हुए इन धमाकों में 62 लोग मारे गए और 210 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

प्रदेश 18 के अनुसार, कोर्ट ने 2008 में आरोपी डार और दो अन्य आरोपियों के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, षड्यंत्र रचने, हथियार इकट्ठा करने, हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप तय किए थे. दिल्ली पुलिस ने डार के खिलाफ जो चार्जशीट दाखिल की थी, इस चार्जशीट में उस कॉल डिटेल्स का उल्लेख भी किया गया, जिस से कथित तौर पर लश्कर से उनका संबंध दर्शाता था. इस मामले में पुलिस ने अक्टूबर 2005 में धमाकों के सिलसिले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी.
दीवाली के जश्न में डूबी दिल्ली अचानक हुए इन आतंकवादी हमलों से दहल गई थी. पहला धमाका शाम 5:38 बजे पहाड़गंज में हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हुई और 60 घायल हुए, दूसरा धमाका शाम 6:00 बजे गोविन्द पूरी में हुआ, जिसमें 4 लोग घायल हुए, जबकि तीसरा धमाका सरोजिनी नगर में शाम 6:05 बजे हुआ जिसमें सबसे अधिक 50 लोगों की मौत हुई और 127 लोग घायल हुए थे.