दिल्ली- वॉट्सऐप से फैली अफ़वाह के बाद भीड़ ने 6 अफ्रीकी नागरिकों पर किया हमला, बाल- बाल बचे

दिल्ली पुलिस ने बीती रात चार तंजानिया और दो नाइजीरियाई नागरिकों को भीड़ से पीटने से बचाया था। उनपर आरोप लगा था कि उन्होंने एक बच्चे का अपहरण कर लिया है।

मामला द्वारका उत्तर पुलिस स्टेशन के काकरोला क्षेत्र की है। जहां पुलिस के पास फोन आया कि कुछ लोगों को बच्चा अपहरण करने के आरोप में पीटाई की जा रही है।
दिल्ली पुलिस को यह भी फोन आया था कि उन लोगों पर कथित तौर पर हमला किया जा रहा था। बाद में उन्हें बचाया गया।

यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में रह रहे अफ्रीकी मूल के लोगों को लेकर ऐसी अफवाहें फैल रही हैं। ऐसे मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं। ककरौला में हुई घटना में पुलिस को पहुंचने में जरा भी देर हुई होती तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी। जब पुलिसकर्मियों ने वहां मौजूद भीड़ से पूछा कि किसका बच्चा किडनैप हुआ है तो चंद मिनटों में भीड़ तितर बितर हो गई। माना जा रहा है कि पहले ऐसी अफवाहें मौखिक तौर पर फैली और बाद में द्वारका और उसके आसपास के इलाकों में वॉट्सऐप ग्रुप पर फैलने लगी।

उत्तम नगर, डाबड़ी आदि में काफी संख्या में नाइजीरियन रहते हैं। लेकिन यहां रहने वाले लोग इन्हें शक की नजर से देखते रहते हैं। लोगों को सबसे अधिक परेशानी इनकी खानपान की आदतों से होती है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इनके खान पान को लेकर लोगों की शिकायतें आती रहती है। रात को ड्रग्स लेकर चिल्लम-चिल्ली करना, पार्टियां करना, झगड़ा करना आदि के आरोप लोकल लोग लगाते हैं।

डीसीपी एंटो अल्फोंस के मुताबिक अफ्रीकनों को सुरक्षा दी जा रही है। जिन एरिया में अफ्रीकन रह रहे हैं उनसे संपर्क किया जा रहा है। विभिन्न वॉट्सऐप ग्रुप, आरडब्ल्यूए से अपील की जा रही है कि अफवाहों को फैलाया न जाए। ऐसे एरिया में पुलिस की नजर अधिक है जहां अफ्रीकन रह रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार नरभक्षी होने की कोई शिकायत या कोई ऐसे घटना अब तक सामने नहीं आई है। घटना के बाद एरिया में तनाव है। पुलिस के मुताबिक अफ्रीकनों की असोसिएशन से पुलिस ने बात की है। आरडब्ल्यूए से विदेशी किरायेदारों की वेरिफिकेशन की बात की गई है, इनके पासपोर्ट की चेकिंग का अभियान शुरू किया गया है ताकि साफ हो सके कि उक्त एरिया में कितने अफ्रीकन रह रहे हैं।

‘पहले ड्रग्स बेचने वाले…फिर सेक्स रैकेट चलाने वाले और अब दिल्ली की जनता हमें ‘नरभक्षी’ बुलाने लगी है। रोजाना हमें ऐसे टारगेट किया जाता है जैसे किसी दूसरे प्लैनेट से हम लोग आए हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है हम यहां आए ही क्यों? एक-दो लोग गलत काम करते हैं, इसका यह मतलब नहीं कि सब अफ्रीकन ही खराब हैं। हम लोग यहां पढ़ने, बिजनस करने या फिर नई जिंदगी शुरू करने आए हैं। लेकिन यहां के लोग हमें स्वीकार ही नहीं कर रहे।’ यह कहना है कि नाइजीरिया के जॉन का जो वेस्ट दिल्ली के उत्तम नगर में रहते हैं।