नई दिल्ली
तामीराती अहकामात और रिकॉर्ड पेश करने मर्कज़ को हिदायत
दिल्ली हाइकोर्ट ने आज मर्कज़ी हुकूमत से कोर्ट कॉम्प्लेक्स की तामीर पर जारी करदा अहकामात और मुताल्लिक़ा रिकॉर्ड तलब किए हैं ताकि ये पता चलाया जा सके कॉम्प्लेक्स के अहाते में कोई मस्जिद मौजूद थी। जस्टिस प्रदीप नंद राजोग और प्रतीभा रानी पर मुश्तमिल बेंच ने विज़ारत शहरी तरक़ियात और लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफीसर को हिदायत जारी की हैं जबकि एक दरख़ास्त गुज़ार ने ये दरयाफ़त किया कि हाइकोर्ट के अहाते में किसी फ़िर्क़ा के अफ़राद अपने मज़हबी अक़ाइद पर अमल आवरी करसकते हैं।
अदालत अपनी हिदायत में कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट की तामीर केलिए जो अराज़ी मुख़तस और मंज़ूर की गई , इस से मुताल्लिक़ अहकामात और रिकॉर्ड पेश किए जाएं और असल ले आउट प्लान भी दाख़िल किया जाये । मर्कज़ी हुकूमत के नुमाइंदा वकील अनील सोनी ने विज़ारत शहरी तरक़ियात और लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफीसर की पैरवी करते हुए अदालत की नोटिस क़बूल करूं और अदलिया की हिदायत की तामील से इत्तेफ़ाक़ किया।
अदालत ने इस केस की आइन्दा समात की तारीख 25 मार्च मुक़र्रर की है। हाइकोर्ट की ये हिदायत मफ़ाद-ए-आम्मा की एक दरख़ास्त पर जारी की गई है जिस में दरख़ास्त गुज़ार अजय गौतम ने ये इल्ज़ाम आइद किया है कि हाइकोर्ट के अहाते में वाक़्य एक मस्जिद में अरसा-ए-दराज़ से मज़हबी सरगर्मियां अंजाम दी जा रही है जिस केलिए अदालत के हुक्काम यह दीगर महिकमों से कोई इजाज़त हासिल नहीं की गई है ।
लिहाज़ा अदालत से मस्जिद में इबादत पर पाबंदी और उसको मिस्मार करने की हिदायत जारी करने की इस्तिदा की है।