नई दिल्ली: देश में गौरक्षकों पर चुप्पी तोड़ते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि ज्यादातर गौरक्षकों का चोला ओढ़ रखा है। ऐसे लोगों को बेनकाब करने की ज़रूरत है आगे बोलते हुंए मोदी ने कहा था ”गौ-रक्षक के धंधे में शामिल लोगों को देखकर मुझे बड़ा क्रोध आता है। गौ-भक्त अगल है, गौ-सेवा अलग है। मैंने देखा है कि कुछ लोग रात में अपराध को अंजाम देते हैं और दिन में गौ-रक्षक का चोला ओढ़ लेते हैं।”
गौरक्षकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की काशी सुमेरु पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रांनद सरस्वती ने कड़ी निंदा की है। रविवार को उन्होंने कहा कि मोदी के बयान से गायों की हत्या को प्रोत्साहन मिलेगा और हत्यारों को आर्थिक फायदा होगा। ”पंजाब में गाय के स्तनों में हवा और दूध ठूंसा जा रहा है, क्या प्रधानमंत्री को यह नहीं दिखता? ANI से बात करते हुए शंकराचार्य ने कहा, ”प्रधानमंत्री के बयान से गायों को मारने वाले लोगों को कुछ आर्थिक फायदा पहुंचा है। क्या प्रधानमंत्री नहीं देख सकते कि दिल्ली के पांच सितारा होटलों में गाय का मांस बिक रहा है? गाै संरक्षण के विषय पर विश्व हिंदू परिषद, गौ संवर्धन परिषद और संघ सबसे ज्यादा बात करते हैं, तो क्या विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बजरंग दल ही यह दुकानें चलाते रहे हैं?” प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा था कि कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर ‘अपनी दुकानें’ चला रहे हैं। सरस्वती ने प्रधानमंत्री से ऐसे गौरक्षकों के लाइसेंस रद करने की गुजारिश की है।
एक तरफ, उनकी अंतरात्मा कहती है कि वधशालाओं को बंद नहीं किया जाएगा और अब प्रधानमंत्री कहते हैं कि गौरक्षा के नाम पर चल रही दुकानों को बंद किया जाना चाहिए। यह गायों का देश है और उनकी रक्षा होनी ही चाहिए। अगर कोई कुछ गलत करता है तो कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री का बयान आपत्तिजनक है और गायों की हत्या को बढ़ावा देता है। गौरक्षा करने वाले दुकानें नहीं चलाते। वे गायों की रक्षा के लिए अपनी जान तक बलिदान कर देते हैं।