सरबराह अफ़्वाज जनरल वी के सिंह ने जिन्होंने फ़ौज की जंगी तैयारीयों के मसाएल को मौज़ूं बनाया था आज कहा है कि दिफ़ाई ज़रूरीयात से निमटने के लिए ख़ुद मुकतफ़ी होने की ज़रूरत है । जनरल वी के सिंह ने आसोचाम के ज़रीया मुनाक़िदा ऐरो स्पेस-ओ-दिफ़ाई कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए मज़बूत सनअती बुनियाद की भरपूर हिमायत की जिसमें उन्होंने ख़ानगी शोबा की शराकत में इज़ाफ़ा की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए सनअतों हुकूमत और दफ़ाई फ़ोर्सेस के माबैन तआवुन-ओ-इश्तिराक को बढ़ाने की ताईद की ।
जनरल वी के सिंह ने मज़ीद कहा कि हमें हिक्मत-ए-अमली पर मबनी नज़रिया की ज़रूरत है ताकि ख़ुद मुकतफ़ी होते हुए अपनी आज़ादाना सलाहीयतों को बरक़रार रख सकें । क्योंकि दो सतूनों पर ही हमारी पालिसी की बुनियाद है ।
हमारे दो अहम सतून ये है कि हमारा मुल्क कोई मावराए इलाक़ा अज़ाइम नहीं रखता और वो अपना नज़रिया मुसल्लत करना नहीं चाहता । आर्मी चीफ़ ने बताया कि मुसल्लह अफ़्वाज को लैस करने की सलाहीयत बैरूनी अंसर के ज़ेर-ए-असर नहीं होनी चाहीए । उन्होंने मज़ीद कहा कि जिस का तक़ाज़ा ये है कि हम अपनी मुसल्लह अफ़्वाज को लैस करने की आज़ादाना सलाहीयतों के हामिल रहें ।
ये ऐसी सलाहीयत है कि जिस पर बैरूनी अनासिर पर इन्हेसार का बहुत ज़्यादा असर नहीं होना चाहीए । वाज़िह रहे कि फ़ौजी सरबराह ने फ़ौजी सरबराह ने वज़ीर-ए-आज़म के मौसूमा अपने मकतूब में हिंदूस्तानी फ़ौज की तैयारी-ओ-चौकसी पर गहरी तशवीश का इज़हार करते हुए फ़ौज को असरी बनाने और असरी अस्लाह के हुसूल के मसला को मौज़ू बनाया था ।
जनाब वी के सिंह ने याद दिलाया कि हिंदूस्तानी दिफ़ाई सनअत अपने इबतिदाई अय्याम के बाद से आज तक एक तवील सफ़र तय किया है और अब इंतिहाई असरी टेक्नोलाजी पर मबनी हस्सास-ओ-नाज़ुक अस्लाह और आलात तैयार करने की हामिल हो चुकी है और इस सनअत को चाहीए कि वो पालिसीयों को भी मुनासिब अंदाज़ में समझे।
इन्होंने कहा कि दिफ़ाई शोबा में ख़ानगी शोबा की शराकत एक तवील अर्सा से बेहस की जा रही है ।जब कि क़ौमी मआशी पालिसीयों में इदारा जाती और पालिसी पर मबनी तब्दीलीयां होती रही हैं । हमें इस बात को यक़ीनी बनाने की ज़रूरत है कि हमारी सनअत दिफ़ाई सनअती शोबा में पुराज़म क़ौमी पालिसीयों को मरबूत करने वाले नाज़ुक-ओ-पेचीदा जाल को समझें ।