वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय की 98 वीं यौम-ए-पैदाइश के मौक़े पर उनकी याद दिलाते हुए कहा कि वो ग़रीब तरीन अफ़राद की ख़िदमत में सरगर्म थे और इंसानी बुनियादों पर इत्तेहाद पैदा करने के लिए एक तामीरी क़ुव्वत बरक़रार हैं।
उन्हों ने कहा कि हमें ये तहरीक देने पर हमारे सर एहतेराम से उनके लिए झुक जाते हैं। उनकी ज़िंदगी समाज की ख़िदमत के लिए वक़्फ़ थी । यही इंसानी समाज के इत्तेहाद का राज़ है।