दीनदयाल की किताबों कि बिक्री बढ़ाने के लिए लगाया अमित शाह ने जुगाड़, सीएम से किताबों का आर्डर लेने का दिया हुक्म

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय की जिंदगी पर लिखी गई 15 किताबों के एक सेट को पिछले साल रिलीज किया गया था। लेकिन इस किताब को ज्यादा लोगों ने नहीं खरीदा। ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस किताब की बिक्री बढ़ाने का नायाब तरीका निकाल लिया है। जनसत्ता की खबर के मुताबिक, भाजपा शासित प्रदेशों को फरमान सुना दिया है कि यह किताब खरीदी जाए। शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों को आदेश देते हुए कहा कि उनके राज्य में पब्लिक लाइब्रेरी, स्कूलों और कॉलेजों में लाइब्रेरी किताबों के इस सेट को 6 हजार रुपए में खरीदें। किताब के प्रकाशक प्रभात प्रकाशन को 1300 कॉपियों का ऑर्डर मिला है, ये ऑर्डर मुख्यत राजस्थान और छत्तीसगढ़ से मिले हैं।

बता दें, बीजेपी सरकार की मंशा है कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का प्रचार-प्रसार युवा पीढ़ी तक पहुंचाए। इसलिए दीनदयाल उपाध्याय की जिंदगी पर लिखी गई 15 किताबों के एक सेट को पिछले साल रिलीज किया गया था। लेकिन आज की नौजवान पीढ़ी ने इसे खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।

पिछले साल खबर आई थी कि गुजरात में 11वीं कक्षा के इकॉनॉमिक्‍स के छात्र पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय के बारे में पढ़ेंगे। बदले हुए पाठ्यक्रम के तहत गुजरात बोर्ड ने ‘आर्थि‍क विचार’ नाम से नया चैप्‍टर जोड़ा गया था। इसमें चाणक्‍य और महात्‍मा गांधी के साथ ही दीनदयाल उपाध्‍याय को भी शामिल किया गया था।

यह चैप्‍टर गुजरात बोर्ड से जुड़ी सभी स्‍कूलों में यह चैप्‍टर पढ़ाया जाएगा। यह चैप्‍टर 15 पन्‍नों का है। इसमें न केवल ‘पंडित दीनदयाल के मुख्‍य आर्थिक विचार’ को विस्‍तार से लिखा गया है बल्कि उनकी व्‍यक्तिगत विशेषताओं का भी जिक्र किया गया है। 11वीं कक्षा का पाठ्यक्रम लगभग एक दशक बाद बदला गया है। दीनदयाल उपाध्‍याय भारतीय जन संघ के संस्‍थापकों में से एक थे और आरएसएस प्रचारक भी थे।