दीनदारी से दुनिया क़दमों में रहेगी,इलम मौजूदा दौर में ताक़त का ज़रीया

हैदराबाद ०७ जून(सियासत न्यूज़) मौलाना मुहम्मद वली रहमानी सैक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड-ओ-फ़ाओनडररहमानी 30फ़ार आई आई टी ने कहा कि दीनदारी पैदा करें तो दुनिया क़दमों में रहेगी और हमें दीनदारी को क़ायम रख कर ही आगे बढ़ना है ।हमारी नसलें सब के बन जाएं लेकिन मुस्लमान नहीं रहें तो फिर ये मिसाल ऐसी है जैसे हम ने छोटी चीज़ को क़बूल करलिया जबकि बड़ी दौलत-ओ-सरमाया को ठुकरा दिया तो ये समझदारी नहीं है ।

उन्हों ने कहा कि हमें पढ़ना और बढ़ना है लेकिन दीन इस्लाम की जो ख़ुसूसीयात हैं उन्हें बाक़ी रखना है और ये चीज़ ज़हन नशीन रखना है कि हमें अल्लाह के सामने जवाब देना है और जो बंदा ख़ुदा के सामने अपने आप को जवाबदेह समझता है वो अपने आप को बंदों के आगे भी जवाबदेह समझता ही।मौलाना वली रहमानी ऐम ऐस एकेडेमी के ज़ेर-ए-एहतिमाम दार अलामन फंक्शन हाल मह्दी पटनम मैं मुनाक़िदा आई आई टी मेट के दूसरी सीरीज़ को मुख़ातब थी।

उन्हों ने कहा कि सोच की तबदीली की ज़रूरत है फ़िक्र-ओ-सोच की तबदीली का नाम ही इलम है ।दुशवारीयों-ओ-मुश्किलात को झील कर आगे बढ़ने में ही ज़िंदगी का मज़ा है । तालीम हासिल करने से कामयाबी यक़ीनी मिलती है और इस कामयाबी के बाद जो मुक़ाम-ओ-मर्तबा हासिल होता है वहां पहुंचने के बाद अपने वालदैन उस्ताज़ पड़ोसी और मुआशरा-ओ-समाज को नहीं भूलना चाहीए बल्कि उन के हुक़ूक़ को पूरी ईमानदारी के साथ अदा करना चाहिए ।

मौलाना वली रहमानी ने कहा कि रुपया बहुत कुछ है लेकिन सब कुछ नहीं हीजो बच्चे पढ़ रहे हैं वो रुपय पैसे केलिए ना पढ़ें बल्कि ख़िदमत के जज़बा के साथ पढ़ें जिस से दुनिया भी मिलेगी और आख़िरत भी मिलेगी। मौलाना ख़ालिद सैफ-उल्लाह रहमानी ने एक हदीस शरीफ़ की तशरीह करते हुए कहा कि अल्लाह ताला को ताक़तवर मुस्लमान कमज़ोर मुस्लमान से ज़्यादा पसंद है और ताक़त के कई पहलू हैं सिर्फ जिस्मानी सेहत ही को ताक़त ना समझा जाय बल्कि ज़हनी सलाहीयतें भी इस ज़मुरा में आती हैं। इस दौर में ताक़त का सब से बड़ा ज़रीया इलम-ओ-नॉलिज का है चुनांचे जो क़ौम तालीम से आरास्ता होगी वो दुनिया पर हुकूमत करेगी।

उन्हों ने कहा कि इलम का रिश्ता अल्लाह के नाम से जुड़ा हुआ है अगर इलम को अल्लाह के नाम से अलग करदिया जाय तो ऐसा इलम नफ़ा पहुंचाने के बजाय नुक़्सानदेह साबित होगा।उन्हों ने कहा कि इस्लाम में इलम की कोई तफ़रीक़ नहीं है ।इलम मआशियात इलम तिब्ब और इलम साईंस जिस इलम से भी इंसानियत को फ़ायदा पहुंचे इसे हासिल करना चाहीए मौलाना ख़ालिद सैफ-उल्लाह रहमानी ने जामिआ रहमानीह मोनगीर(बिहार ) के नाज़िम आला मौलाना वली रहमानी की जानिब से शुरू करदा रहमानी 30 और ऐम इसके इश्तिराक को बेहतरीन और समरावर क़रार दिया । जनाब एजाज़ अख़तर चार्टेड एकाऊंटैंट ने सी ए की तालीम के मराहिल और इस की एहमीयत-ओ-इफ़ादीयत पर तफ़सीली रोशनी डाली उन्हों ने कहा कि मुल्क भर में एक लाख 70हज़ार सी अज़ हैं लेकिन इन में मुस्लमानों की तादाद एक फ़ीसद से भी कम है ।

उन्हों ने कहा कि सी ए के शोबा में नौजवान अपने मुस्तक़बिल को दरख़शां बना सकते हैं इस के लिए ज़रूरत इस बात की है कि सख़्त मेहनत की जाय और ऐसे बच्चों की सही रहनुमाई की जाय ।जनाब मुहम्मद लतीफ़ ख़ान डायरैक्टर ऐम उसने कहा कि इंसान की हर चीज़ उस की सोच से शुरू होती है लिहाज़ा अपनी ज़िंदगी बदलने केलिए अपनी सोच को बदलना होगा।उन्हों ने कहा कि अयम् ऐस एक तहरीक है जिस का मक़सद ये है मुस्लमानों में एक तालीमी इन्क़िलाब बरपा किया जाय और मुस्लिम नौनिहालों को आगे बढ़ाया जाय इस मक़सद केलिए हर पहलू पर बेहतर से बेहतर अंदाज़ में काम किया जा रहा है। अल्हम्दुलिल्ला इस के अच्छे नताइज भी बरामद हो रहे हैं।

जनाब लतीफ़ ख़ान ने कहाकि हमारा पैग़ाम उन लोगों केलिए है जो कुछ करना चाहते हैं और उन में क़ौम केलिए कुछ करने का जज़बा हो।ऐम ऐस एकेडेमी की जानिब से रियासत के मुख़्तलिफ़ अज़ला और शहर हैदराबाद के इलावा बिहार-ओ-केराला से 30बच्चों का इंतिख़ाब किया गया जिन्हें आई आई टी की मुफ़्त तालीम दी जाएगी और एक तालिब-ए-इल्म पर सालाना ढाई लाख रुपय ख़र्च किए जाएंगी। इन मुंख़बा तलबा को मौलाना वली रहमानी के हाथों सर्टीफ़िकेटस अता किए गई।शहि नशीन पर जनाब अनवर अहमद जनाब मुअज़्ज़म हुसैन डायरैक्टर स ऐम ऐस मौजूद थी। जनाब ग़ौस मुही उद्दीन ने जलसा की कार्रवाई चलाई।