नई दिल्ली: मर्कज़ पर हर एक के लिए तरक़्क़ी के नज़रिया पर अमल पैरा होने की पुरज़ोर ताईद करते हुए मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़लीयाती उमोर नजमा हेपतुल्ला ने आज कहा कि इनकी विज़ारत का मक़सद दीनी मदारिस के तलबा को तालीम और हुनर से आरास्ता करके तरक़्क़ी के रास्ते पर डालना है ताकि उनपर कोई भी हक़ारत से नज़र ना डाल सके।
गुज़िश्ता साल नवंबर में हुकूमत ने मौलाना आज़ाद नेशनल एकेडेमी बराए फ़नून का आग़ाज़ किया था और वज़ीर-ए-आज़म ने इस बात पर-ज़ोर दिया था कि दीनी मदारिस के तलबा को एक तरफ़ क़ुरआन-ए-मजीद की तालीम दी जाये और दूसरी तरफ़ उन्हें कम्पयूटर से वाक़िफ़ करवाया जाये। इन के नज़रिया और मश्वरे के मुताबिक़ मर्कज़ी वज़ारत बराए अक़िलीयती उमोर देखना चाहती है कि इन के एक हाथ में क़लम हो और दूसरे हाथ में औज़ार , ताकि वो मिसाली हिन्दुस्तानी शहरी बन सकें।