दुआ की अहमीयत

हजरत अनस रज़ी अल्लाहु तआला अनहु से रिवायत है, रसूल-ए-पाक (स०) ने फ़रमाया, दुआ इबादतों का मगज है अल्लाह तआला के नज़दीक दुआ से जियादा कोई चीज़ बुज़ुर्ग नहीं। (तिरमिज़ी)