नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया का मेलबोर्न दुनिया में रहने लायक सबसे शानदार शहर है जबकि कराची और ढाका इस लिहाज से सबसे खराब शहरों में शामिल हैं. द इकोनॉमिस्ट इंटेलीजेंस यूनिट की ग्लोबल लिवेबिलिटी रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का कराची दुनिया के सबसे खराब शहरों में शुमार है तो वहीं भारत का कोई भी शहर इस लिस्ट के टॉप 10 में जगह नहीं बना पाया है.
रिपोर्ट के अनुसार, रहने लायक सबसे शानदार शहरों में मेलबोर्न के बाद ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना दूसरे स्थान पर तथा कनाडा का वैंकूवर तीसरे स्थान पर रहा है. अन्य शीर्ष शहरों में चौथे से दसवें स्थान पर क्रमश: कैलगरी, एडीलेड, पर्थ, ऑकलैंड, हेल्सिंकी और हैमबर्ग काबिज है.
दुनिया के 140 शहरों के इस सर्वेक्षण में पहले पांच पायदान के शहर पिछली रिपोर्ट से अपरिवर्तति हैं. भारत का कोई भी शहर शीर्ष 10 शहरों में जगह पाने में नकामयाब रहा है. 10 निचले शहरों में भी भारत का कोई शहर नहीं है.
सीरिया का दमास्कस रहने के हिसाब से दुनिया का सबसे खराब शहर माना गया है. अन्य खराब शहरों में 139वें पर लागोस, 138वें पर त्रिपोली, 137वें पर ढाका, 136वें पर पोर्ट मोरेस्बी, 135वें पर अल्जीयर्स, 134वें पर कराची, 133वें पर हरारे, 132वें पर दोउआला और 131वें पर कीव है.
औसत वैश्विक जीवन संभाव्यता में भी हालिया वर्षों में गिरावट आयी है. पिछले पांच साल में यह औसत 0.8 फीसदी गिरकर 74.8 फीसदी रह गया है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में विश्वभर में अस्थिरता बढ़ी है तथा कई शहरों में उथल-पुथल देखने को मिला है.
रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप समेत दुनिया के कई हिस्सों में आतंकवादी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. फ्रांस और ब्रिटेन में लगातार हमले हुए हैं. इन सब कारणों से इन क्षेत्रों के शहरों का स्थान नीचे आया है. इराक, लीबिया, सीरिया और तुर्की सैन्य संघर्षों तथा आम टकराव से जूझा रहे हैं. नाईजीरिया जैसे कई देश भी आतंकवादी संगठनों से लगातार लड़ हे हैं. अमेरिका जैसा स्थिर देश भी ट्रंप की नीतियों तथा ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के कारण अशांति के हालात पैदा हुए हैं.