छपरा:केन्द्र सरकार के भारतवाणी प्रोजेक्ट में जयप्रकाश विश्वविद्यालय समेत सूबे के कुछ अन्य विवि में पढ़ायी जाने वाली भोजपुरी भाषा को भी शामिल किया जायेगा। इसकी तैयारी शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जेपीविवि प्रशासन को पत्र भेजा है। यूजीसी ने भोजपुरी से संबंधित रचनाएं, टेक्सट व उपलब्ध जानकारी जुटाने के लिए विवि प्रशासन से अनुरोध किया है। भोजपुरी भाषा से संबंधित सामग्री, चित्र, ऑडियो-वीडियो क्लिप यूजीसी को भेजे जाने हैं। यूजीसी ने इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने की भी बात पत्र में कही है।
मालूम हो कि जेपीविवि में पूर्व वीसी डॉ. रामविनोद सिन्हा के कार्यकाल में तत्कालीन डीएसडब्ल्यू डॉ. बीएन यादव के प्रयास से विवि में भोजपुरी की पढ़ाई शुरू हुई थी। भोजपुरी की पढ़ाई को बढ़ावा देने का प्रयास भी पूर्व वीसी के समय में काफी हुआ था पर उनके हटते ही भोजपुरी भाषा की पढ़ाई पर ग्रहण लग गया।
पहले पुराने विवि परिसर में होती थी पढ़ाई
जयप्रकाश विश्वविद्यालय में भोजपुरी पीजी की पढ़ाई शहर के डाकबंगला रोड स्थित पुराने विवि परिसर में ही होती थी। शहर में पीजी विभाग होने के कारण विद्यार्थियों की संख्या ठीक-ठाक थी परन्तु अचानक विवि प्रशासन ने पुराने विवि परिसर में संचालित सभी पीजी विभागों को नये परिसर में संचालित करने का निर्देश दिया। इसके बाद पीजी विभाग नये विवि परिसर में चला गया। इससे विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गयी थी।
यह है भारतवाणी प्रोजेक्ट
जेपीविवि को भेजे पत्र में यूजीसी ने भारतवाणी प्रोजेक्ट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी है। भारत की बहुभाषिक विविधता को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने भारतवाणी प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह भाषा पोर्टल होगा, जहां भारत में बोली जाने वाली तमाम भाषाओं से संबंधित जानकारियां उपलब्ध होंगी। यहां इन भाषाओं से संबंधित ऑडियो, वीडियो, टेक्सट इमेज पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। इससे डिजिटल युग में भारत को ओपन नॉलेज सोसाइटी बनाने की दिशा में बल मिलेगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा पोर्टल होगा।