दुनिया में अल्लाह तआला की सब से बड़ी नेअमत इस्लाम: इमाम-ए-काअबा

मुंबई। 26 नवंबर ( सियासत न्यूज़) फ़ज़ील उल-शेख़ डाक्टर सऊद बिन इबराहीम अलशरीम इमाम हरम ने आज सुमय्या ग्राउंड मुंबई में नमाज़-ए जुमा की इमामत की और ख़ुतबा दिया । ख़ुतबा जुमा के दौरान डाक्टर सऊद अलशरीम ने ख़ालिक़-ए- कायनात की इबादत पर ज़ोर देते हुए कहा कि जो भी अल्लाह के ज़िक्र से एअराज़ करेगा वो दुनिया में तो यक़ीनन सख़्ती-ओ-तंगी की ज़िंदगी गुज़ारेगा मगर आख़िरत में अंधा उठाया जाएगा । इमाम-ए- हरम ने बताया कि जो इबादत नहीं करता उसे ज़िल्लत-ओ-रुसवाई का सामना करना पड़ता है बल्कि ज़िल्लत-ओ-रुसवाई इस का मुक़द्दर बन जाती है ।

डाक्टर सऊद अलशरीम सुमय्या ग्राउंड में लाखों की तादाद में मौजूद फ़रज़दान-ए- तौहीद के अज़ीमुश्शान इजतिमा से ख़िताब कररहे थे । उन्हों ने कहा कि दुनिया में अल्लाह तआला की सब से बड़ी नेअमत इस्लाम है ज़िंदगी की क़ीमत का हमें बरोज़ मह्शर अंदाज़ा होगा और इसी वक़्त हम अंदाज़ा करपाऐंगे कि इस्लाम कितनी बड़ी नेअमत है। उन्हों ने मुसलमानान आलम को दिलों में अल्लाह का ख़ौफ़ पैदा करने की तलक़ीन करते हुए कहा कि अल्लाह ताला ने आदम को पैदा किया ताकि वो अल्लाह का हुक्म बजा लाए ।

उन्हों ने बताया कि कायनात का हर ज़र्रा अल्लाह का ज़िक्र करता है और ख़ुद अल्लाह ताला फ़रमाते हैं कि हम ने कायनात को ख़ालिक़ कायनात के इबादत के मक़सद से पैदा किया । फ़ज़ीलৃ उल-शेख़ डाक्टर सऊद अलशरीम ने बताया कि शैतान के वस्वसों गुमराहियों से महफ़ूज़ रहने की ज़रूरत है ।

चूँकि शैतान इंसान का अज़ली दुश्मन है । शेख़ अलशरीम ने बताया कि इस ज़िंदगी की कोई क़ीमत नहीं है जो अल्लाह की इताअत-ओ-फ़र्माबरदारी में ना गुज़ारी जाय । उन्हों ने सलाम को आम करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि सलाम ही हुक़ूक़ है सलाम ही क़ुव्वत-ओ-ताक़त है सलाम से ही हुक़ूक़ की अदायगी मुम्किन है । उन्हों ने बताया कि जंग की हालत में भी अगर कोई काफ़िर सलाम करता है तो उसे भाई समझने की ताकीद की गई है ।

उन्हों ने कहा कि जन्नत सलाम का घर है और जन्नत में रहने वाले जन्नती एक दूसरे को सलाम के ज़रीया ही ख़ुशआमदीद और ख़ौरमक़दम करेंगे । फ़ज़ीलत उल-शेख़ डाक्टर सऊद अलशरीम ने बताया कि दुनिया की कोई ऐसी शए नहीं है जो अपने ख़ालिक़ की तस्बीह ब्यान नहीं करतीं उन्हों ने बताया कि इंसान पर ये लाज़िम है कि वो अपने ख़ालिक़ की इबादत-ओ-रयाज़त के ज़रीया उसे राज़ी करवाए ताकि इंसान को दुनिया-ओ-आख़िरत में कामयाबी-ओ-कामरानी हासिल हो ।

सुमय्या मैदान में मुनाक़िदा नमाज़ जुमा में शिरकत करने वालों में डाक्टर ज़ाकिर नायक शेख़ अबदुर्रहमान अलशरीम अरकान असैंबली शुऐब इक़बाल बशीर पटेल-ओ-दीगर मौजूद थे । सुमय्या ग्राउंड पर इमाम हरम की आमद पर डाक्टर ज़ाकिर नायक जनाब मुहम्मद नायक के इलावा इस्लामिक रिसर्च फ़ाउनडेशन के दीगर ज़िम्मा दारान ने इन का ख़ौरमक़दम क्या । शेख़ अलशरीम के अरबी ख़ुतबा जुमा का उर्दू में तर्जुमा भी पेश किया गया ।