दुर्रे शहवार मेडिकल ऐंड सोसाइटी के तहत क़ायम कर्दा दुर्रे शहवार चिल्ड्रंस जेनरल हॉस्पिटल पुरानी हवेली का मुस्तक़बिल क्या होगा इस के मुताल्लिक़ कुछ कहा नहीं जा सकता। चूँकि जब कभी ऐसे इदारे तनाज़ा का शिकार हुए उस वक़्त उन की बागडोर सियासी हाथों में चली गई।
अब जबकि मुकर्रम जाह एजूकेशनल ऐंड लर्निंग ट्रस्ट की जायदादों के तनाज़आत का अमलन आग़ाज़ हो चुका है तो इस क़ानूनी रसाकशी में किस का फ़ायदा होगा ये कोई नहीं कह सकता लेकिन दो इदारों के झगड़े में तीसरा इदारा इस दवाख़ाना पर नज़रें रखे हुए हो, हो सकता है।
दुर्रे शहवार मेडिकल ऐंड सोसाइटी का इस्तिदलाल है कि दुर्रे शहवार दवाख़ाना जिस मुक़ाम पर है वो दवाख़ाना की जायदाद है और सोसाइटी की जानिब से मुकर्रम जाह एजूकेशनल ऐंड लर्निंग ट्रस्ट को माक़ूल रक़म बतौर पेशगी अदा करते हुए क़रारदाद मंज़ूर करवाई जा चुकी है लेकिन माबक़ी रक़म अदा शुदणी है।
इस बात से इनकार नहीं किया जा रहा है लेकिन ट्रस्ट से ये जायदाद दुर्रे शहवार मेडिकल ऐंड सोसाइटी को मुंतक़िल करदी गई जिस की बुनियाद पर सोसाइटी ने करोड़ों रुपये सर्फ़ करते हुए इस पर बेहतरीन दवाख़ाना तामीर किया है।
11 हज़ार 602 मुरब्बा गज़ अराज़ी पर मुहीत वसीअ और अरीज़ दुर्रे शहवार चिल्ड्रंस जेनरल हॉस्पिटल का क़ियाम 1983 में अमल में आया और इब्तिदा में ये दवाख़ाना हवेली मँझली बेगम में दुर्रे शहवार क्लीनिक का आग़ाज़ अमल में आया लेकिन 1988 में दुर्रे शहवार चिल्ड्रंस जेनरल हॉस्पिटल पुरानी हवेली में शुरू कर दिया गया और अब तक भी दवाख़ाना बहुस्नो ख़ूबी ख़िदमात अंजाम दे रहा है।
बावसूक़ ज़राए से मौसूला इत्तिलाआत के बमूजब ट्रस्ट की जानिब से दुर्रे शहवार चिल्ड्रंस हॉस्पिटल के हुसूल की कोशिश इस लिए की जा रही है ताकि किसी और तंज़ीम और इदारे को ये दवाख़ाना हवाले किया जा सके। ऐसी सूरत में दवाख़ाना के हालात को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश की ताईद नहीं की जानी चाहीए।