पटना/भागलपुर 29 अप्रैल : क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी पर भले ही 20 हजार डॉलर का जुर्माना लग गया हो, लेकिन शादी में शाहखर्ची करने, पार्टी हेदायत की धज्जियां उड़ाने और कानून को भी ताक पर रखने वाले एक रुकन असेम्बली के बारे में अभी सिर्फ सवाल-जवाब किए जाने की ही बात हो रही है।
यह ऐसी शादी थी जिसमें न कोई डोली थी न कहार। इस शादी में दुल्हन को लाने के लिए पालकी भी नहीं थी। इसकी जगह लाखों खर्च कर मंगाया गया था हेलीकॉप्टर। दुल्हन इसी हेलीकॉप्टर पर सवार होकर अपने मायके से ससुराल पहुंची। दूल्हा थे कांग्रेस के रुकन असेंबली मोहम्मद तौसिफ आलम (कौन है तौसिफ?)। करीब 50 हजार लोग इस शाही शादी के गवाह बने। वजीर आला नीतीश कुमार भी दूल्हा-दुल्हन को दुआए देने पहुंचे थे।
यह शादी तो हुई किशनगंज में मगर इसका ज़िक्र पूरे बिहार में हो रही है। खास तौर पर सिआसति और नौकरशाही हलके में। तकरीबन 14.50 लाख रुपये खर्च कर रांची से हेलीकॉप्टर किराए पर मंगाया गया था। दुल्हन को उसके मायके से ससुराल लाने के लिए हेलीकॉप्टर की सवारी का इस्तेमाल बिहार में शायद पहली बार किया गया है।
तौफिक किशनगंज के बहादुरगंज से मेम्बर असेंबली हैं। उनकी शादी उसी जिले के कथमथा पंचायत के मुखिया हाजी इजहार आसिफ की बेटी से बीते शनिचर को हुई।
30-35 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल क्यों किया गया? इस पर खानदान के लोग कहते हैं: शादी को यादगार बनाने के लिए। हमने इस मौके को पुश्त-शरह-पुश्त याद रखने के लिए ऐसा किया।
हेलीकॉप्टर से दुल्हन को लाने की खुशी रकन असेंबली के अहले खाना को तो थी ही, उनके बाडीगार्ड भी कम खुश नहीं थे। उन्होंने अपने रिवाल्वर से हवा में खूब गोलियां दागीं।