दूध की चाय से भूक क्यों मुतास्सिर होती है?

मुंबई, 26 फरवरी: अक्सर लोग चाय के बहुत ज़्यादा आदी होते हैं, उन्हें हर घंटे यह आधे घंटे बाद एक प्याली चाय ज़रूरचाहीए। आख़िर उस की वजह किया है ? वजह सिर्फ़ ये है कि चाय के नाम पर सुस्ती दूर करने का चलन पड़ चुका है, लेकिन इस में लोग ये भूल जाते हैं कि चाय के ज़ाइद इस्तिमाल से हम एसडेटी को दावत दे रहे हैं, और अपनी भूक को ख़ुद अपने हाथ से ख़त्म कर रहे हैं।

चाय की एक प्याली अगर दोपहर यह रात के खाने से आधा घंटा पहले भी पी जाये तो इस का रास्त असर भूक पर पड़ता है, और अगले दो घंटे तक खाना खाने की तबीयत नहीं होती। अलबत्ता ये किया जाये कि चाय की बहुत ज़्यादा तलब होने पर ग्रीन टी इस्तिमाल की जाये तो बेहतर होगा, क्योंकि ये भूक पर ग़ालिब नहीं आती। दूध की चाय में चूँकि दूध होता है जिसे एक मुकम्मल ग़िज़ा कहा जाता है और चाय में उस की मिलावट के बाद इस के कामिल होने के मौक़िफ़ में कोई तबदीली नहीं आती और चाय के साथ पेट में पहुंचने के बाद ये ग़िज़ा की ज़रूरत को किसी हद तक पूरा कर देता है जिस से हम भूक का एहसास खोदेते हैं और भूक मर गई कहते हुए खाने से गुरेज़ करते हैं।

लिहाज़ा ज़रूरत इस बात की है कि दूध की चाय को खाने के वक़्त से एक घंटा पहले तक इस्तिमाल ना करें। अलबत्ता खाना तनावुल करने के बाद दूध की चाय पी जाये तो बेहतर होगा। मुहक़्क़िक़ीन का कहना है कि चाय यूं तो सेहत के लिए नुकसान नहीं बल्कि इस का ज़ाइद इस्तिमाल सेहत के लिए नुकसान है। हमारी कोशिश यही होनी चाहीए कि हम चाय का ज़ाइद इस्तिमाल ना करें।