दूसरी बीवी के आने पर पहली बीवी नान नफ़क़ा की हक़दार : हाइकोर्ट

मुंबई, 14 दिसंबर: (पीटीआई) बाम्बे हाइकोर्ट ने तलाक़ के एक मुआमला में फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि अगर शौहर घर में दूसरी बीवी ले आता है तो इस सूरत में पहली बीवी को गुज़ारे की रक़म ( नान नफ़क़ा) से महरूम नहीं किया जा सकता । ठीक है पर्सनल ला के मुताबिक़ शौहर दूसरी बीवी ला सकता है लेकिन पहली बीवी के जज़बात को जो ठेस लगती है इसका कोई मुतबादिल नहीं ।

ऐसे हालात में जज़बाती और नफ़सियाती दबाव के वाक़ियात सामने आते हैं क्योंकि पहली बीवी ये नहीं चाहती कि वो दूसरी बीवी के साथ रहे और अलग रहते हुए वो नान-ओ-नफ़क़ा का मुतालिबा कर सकती है ।

इर्फ़ान शेख़ नामी एक शख़्स की दाख़िल करदा अर्ज़दाश्त की समाअत करते हुए जज ने ये बात कही । इर्फ़ान शेख़ ने अपनी दरख़ास्त में नासिक की एक फेमिली कोर्ट के फ़ैसला को चैलेंज किया था जिसमें अदालत ने इर्फ़ान शेख़ को हिदायत की थी कि दरख़ास्त दाख़िल करने की तारीख़ यानी 12 नवंबर 2009 से वो अपनी बीवी और बच्चे को फी कस 2000 रुपये माहाना बतौर गुज़ारे की रक़म अदा करे ।