नई दिल्ली, २७ नवंबर: ( पीटीआई )पाकिस्तान ने दूसरे अदालती कमीशन के दौरा हिंद की शराइत पेश कर दी है ताकि मुंबई दहशतगर्द हमला मुक़द्दमा में 7 पाकिस्तानी मुश्तबा अफ़राद के ख़िलाफ़ इस्तेग़ासा के मुक़द्दमा में तेज़ रफ़्तार पैदा की जाए ।
पाकिस्तान चाहता है कि वो मुंबई दहशतगर्द हमले के कलीदी गवाहों पर जिरह करे । कमीशन की तफ़सीलात का इन्किशाफ़ ( ज़ाहिर) किए बगै़र सरकारी ज़राए ने कहा कि हाल ही में दौरा की शराइत हासिल हुई है और उन्हें राय हासिल करने के लिए माहिरीन क़ानून के पास रवाना किया गया है ।
पाकिस्तान की अदालत ने कहा कि कमेटी के पास कोई शहादती क़दर मौजूद नहीं है क्योंकि इसे 4 कलीदी गवाहों पर जिरह करने की इजाज़त नहीं दी गई और कमेटी को दुबारा हिंदूस्तान के दौरा की ख़ाहिश की गई है । चारों गवाहों पर बिशमोल मजिस्ट्रेट जिस ने लश्कर-ए-तयेबा के दहशतगर्द अजमल क़साब का एतराफ़ी बयान दर्ज किया था पाकिस्तानी अदालती कमीशन की जानिब से जिरह की जाएगी ।
अजमल क़साब को फांसी पर लटकाया जा चुका है । दो डाक्टरों ने 9 दहशतगर्दों का जो पुलिस और एन एस जी के साथ 2008 में एनकाउंटर के दरमयान हलाक किए गए थे , पोस्टमार्टम भी किया था । पाकिस्तान 5 मुल्ज़िमीन बिशमोल 26 नवंबर के दहशतगर्द हमले के कलीदी साज़िशी ज़की अल रहमान लखवी ,अबू इकामा उर्फ़ मज़हर इक़बाल , हमद हमीम , अबदुल वाहिद उर्फ़ ज़रार शाह और शाहिद जमील रियाज़ के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा चला रहा है ।
पाकिस्तान के वज़ीर-ए-दाख़िला रहमान मालिक ने मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला हिंद सुशील कुमार शिंदे के साथ मुलाक़ात के दौरान उनसे दरख़ास्त की थी कि दूसरे अदालती कमीशन को क़ानूनी कार्यवाईयों की तकमील की इजाज़त दी जाए । शिंदे ने उन से कहा था कि 26 नवंबर का मुक़द्दमा हकूमत-ए-पाकिस्तान की एक आज़माईश है और हकूमत-ए-पाकिस्तान को चाहीए कि जल्द अज़ जल्द इस बात को यक़ीनी बनाए कि साज़िश में मुलव्वस तमाम मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ तेज़ रफ़्तार मुक़द्दमा चलाए जाए और उसे मुकम्मल किया जाए ।