काँग्रेस लीडर बारी आजम ने अपने एक प्रेस बयान में कहा की नौरात्र के दौरान होने वाले गरबा प्रोग्राम के सिलसिले में मुतनाज़ा बयान देने वाले इमाम मेहदी हसन को अदालत में पड़ने वाली थप्पड़ की गूंज से हिन्दुस्तानी मुसलमानों की ज़बरदस्त सबक हुयी है। इमाम महदी हसन को पहले मजहब के लोगों की बुराइयों की फिक्र होनी चाहिए और अपने वक़्त और ऐसी बहुत सारी बुराइयाँ हैं जिनपर उनकी नज़र होनी चाहिए मगर ये चले हैं दूसरों के मजहबी जज़्बात को ठेस पहुंचाने तो उसका अंजाम तो यही होना था, जिसमें मुस्लिम क़ौम में बेवजह बदनाम होती रहती है।
दूसरी क़ौमों में क्या बुराइयाँ हैं इसको देखने की क्या जरूरत हो गयी, कहीं वो शोहरत के लिए ऐसी हरकत नहीं कर रहे हैं? बारी आजम ने कहा की इमाम मेहदी हसन आए दिन वो काम करते हैं जिससे मुसलमानो की बेजती हो। नरेंद्र मोदी के जरिये टोपी पहनने से इंकार करने का सेहरा यही इमाम मेहदी हसन है हैं, जिनकी वजह से इस वक़्त भी मुसलमानों को ज़बरदस्त बेजती का सामना करना पड़ा था। हिंदुस्तान में ऐसे मुल्ला और मौलनों से हिन्दुस्तानी मुसलमानो को ज़बरदस्त नुकसान उठाना पड़ा है।