दू बदू प्रोग्राम में बरसर-ए-मौक़ा 36 रिश्ते तए पाए

जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ऐडीटर सियासत ने कहा कि इदारा सियासत एम डी एफ और दीगर तंज़ीमों की काविशों के बाइस अज़दवाजी रिश्तों के इंतेख़ाब में मुसलमानान हैदराबाद की सोच-ओ-फ़िक्र में मुसबत तबदीली आरही है इंतेख़ाब का मेयार बदल रहा है । लड़कीयों के इंतेख़ाब में अब ख़ूबसूरती पर ख़ूब सीरती को तर्जीह दी जाने लगी है,

मगर अभी बहुत बड़ी तबदीली लाना ज़रूरी है चूँकि शादी को मुश्किल बना देने के नतीजा में हमारी बेटियां गैर मुस्लिमों को अपना शरीक सफ़र बनाते हुए अपना इमान खो रही हैं। उन्हों ने बताया कि माह जनवरी में सिर्फ गोलकुंडा रजिस्ट्रेशन ऑफ़िस में 8 मुस्लिम लड़कियों ने गैर मुस्लिमों के साथ शादियां करलीं,

जबकि हैदराबाद शहर में 40 मुस्लिम लड़कियों ने गैर मुस्लिमों को अपना शरीक सफ़र बना लिया। जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा कि ये लड़कियां तो गुनाह के मुर्तक़िब हैं ही मगर इस का गुनाहउइन ख़ानदानों पर ही है जो जहेज़ और लेन देन के लिए एसी लड़कियों के रिश्ते ठुकराते हैं। ये वाक़ियात मिल्लत इस्लामीया के लिए लम्हा फ़िक्र हैं।

इन तमाम लोगों को सूचना चाहीए जो शादियों को मुश्किल बनारहे हैं और बेजा इसराफ़ करते हुए अपने रब को नाराज़ कररहे हैं। जनाब ज़ाहिद अली ख़ान इन ख़्यालात का इज़हार इदारा सियासत और माइनारीटी डेवलपमेन्ट फ़ोर्म के ज़ेर-ए-एहतिमाम 14 वीं दू बदू (आमने सामने)प्रोग्राम से ख़िताब करते हुए क्या ।

ये प्रोग्राम एसए एमपेरियल गार्डन टोली चौकी में मुनाक़िद हुआ जहां तक़रीबन 36 रिश्ते बरसर मौक़ा तए पाए । इलावा अज़ीं अक़्दे सानी के भी 3 रिश्ते बरसर मौक़ा तए पाए । आज के दू बदूप्रोग्राम में लड़कीयों के 920 और लड़कों के 290 नए रजिस्ट्रेशन हुए। इस प्रोग्राम में सैंकड़ों वालदैन और सरपरस्तों ने शिरकत करते हुए अपने बच्चों के लिए रिश्तों को तलाश किया ।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा कि इन कोशिशों के नतीजा में पयामात के मुआमला में इन्क़िलाबी तबदीलीयां रौनुमा हुई हैं । उन्हों ने लड़कीयों के वालदैन पर ज़ोर दिया कि वो मुस्लिम मुआशरा से जहेज़ की लात को ख़तम करने केलिए जोड़े घोड़े का मुतालिबा करने वालों के हौसला शिकनी करें और शादी ब्याह की तक़ारीब में सादगी को तर्जीह दें ।

शादी ब्याह में हद से ज़्यादा इसराफ़ के नतीजा में मुस्लिम उम्मा की मईशत सुधर नहीं पारही है । उन्हों ने कहा कि लड़के वालों को भी चाहीए कि वो नबी करीम (स०अ०व०) के इर्शादात की तामील में दीनदारी को फ़ौक़ियत दें।

ख़ूबसूरती और दौलत सानवी हैसियत रखते हैं । उन्हों ने नई नसल को दिनी तर्बीयत देने पर ज़ोर दिया । जनाब मुहम्मद अला-ए-उद्दीन अंसारी ऐडवोकेट-ओ-सदर फ़ोर्म ने तक़रीब की सदारत की ।

मेनीजिंग ऐडीटर सियासत-ओ-सदर नशीन फ़ोर्म जनाब ज़हीर उद्दीन अली ख़ान ने प्रोग्राम के तमाम उमूर की निगरानी-ओ-रहनुमाई की ।