देखे विडियो: करीमुल हक़ की अनूठी ‘निःशुल्क बाइक एम्बुलेंस’

पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी जिले के एक चाय बागान के कर्मचारी, गांव के लोगो के लिए एक अनूठी ‘बाइक एम्बुलेंस’ सेवा चलते है और वह भी निःशुल्क| उन्हें हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है|

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करीमुल हक़ जलपाईगुड़ी के एक चाय बागान में काम करते है और वह अपनी मोटरसाइकिल(मोटरबाइक) का प्रयोग ढलबारी और उसके आस पास के गांवों के लोगो को अस्पताल और क्लिनिक ले जाने में करते है, वह यह काम बीना कोई पैसा लिए करते है, जी हाँ निशुल्क सेवा| यहाँ क्रांति में स्थित एक प्राथमिक चिकित्सालय है, जो ढलबारी से लगभग 6किमी दूर है, परंतु इस चिकित्सालय में सिमित सुविधाएँ ही उपलब्ध है| इस इलाके में नियमित रूप से चार पहिया एम्बुलेंस सेवा नहीं चलती है|

हक़ की अनूठी ‘बाइक एम्बुलेंस’ और मोबाइल नंबर, गांवों मैं बहुत लोकप्रिय है, और यहाँ तक की स्थानीय डॉक्टरों, पुलिस कर्मचारियों और ब्लॉक अधिकारियों को भी इस सुविधा के बारे में अच्छे से पता है|

अपनी चाय बागान की नौकरी से हक़ महीने के केवल 4000 रुपए ही कमाते है| इस राशि में से वह 25% ईंधन और मोटरसाइकिल की देखभाल के लिए और दूसरे 25% बैंक से लिए क़र्ज़ को चुकाने के लिए अलग कर देते है| हक़ और पैसा पाने के लिए ललचाते नहीं है, उनका मनना है की ‘अल्लाह’ उन्हें इस काम के लिए इनाम देगा|

शांतिनिकेतन की विसवा-भर्ती के सेंटर फॉर जर्नलिज्म एंड मास्स कम्युनिकेशन के छात्रों द्वारा इस डाक्यूमेंट्री को साल 2016 की शुरुवात में बनाया गया था|