देवयानी के खिलाफ वापस लेना नामुम्किन: अमेरिका

अमेरिका ने इंडियन डिप्लोमैट देवयानी खोब्रागड़े के खिलाफ केस वापस लेने और हिंदुस्तान से माफी मांगने से इनकार कर दिया है|हिंदुस्तानी डिप्लोमैट देवयानी खोब्रागड़े के मामले में हिंदुस्तान की मुखालिफत का अमेरिका पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। ज़राये के मुताबिक वीजा फ्रॉड केस के मामले में अमेरिकी हुकूमत ने देवयानी के खिलाफ केस वापस लेने से इनकार करते हुए कहा है कि वह देवयानी के खिलाफ अदालती कार्रवाई जारी रखेगी और साथ ही उसने भारत से माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है।

इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिकी हुकूमत 13 जनवरी को मैनहैटन की मरकज़ी अदालत में अदालती ग्रैंड जूरी के सामने इल्ज़ाम रखेगी और उस दिन अदालत में देवयानी को भी मौजूद होना पड़ेगा। ज़राये के मुताबिक अमेरिका देवयानी के खिलाफ होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत के सामने रखे जाने वाले इल्ज़ाम के लिए जरूरी सुबूत जुटा रहा है। इस मामले को अदालत के सामने रखने की तारीख 13 जनवरी को मुकर्रर की गई है।

ज़राये के मुताबिक 39 साला खोब्रागड़े की गिरफ्तारी के मामले में अमेरिका ने कहा है कि इस मामले में हिंदुस्तान से माफी मांगने का सवाल ही नहीं पैदा होता है। खोब्रागड़े को 12 दिसंबर को अमेरिका में गिरफ्तार किए जाने के बाद हुकूमत ए हिंद की तरफ से तीखे तब्सिरे ज़ाहिर किये गये थे और पूरे मुल्क में इस वाकिया के खिलाफ नाराजगी और एहतिजाज दर्ज कराया गया था।

हुकूमत ए हिंद ने खोब्रागड़े के खिलाफ केस वापस लिए जाने और उनके साथ किए गए सुलूक के लिए अमेरिका से माफी मांगने की मांग की थी।

ज़राये ने कहा कि अमेरिकी हुकूमत का इरादा देवयानी के खिलाफ मुकदमे को आगे बढ़ाने का है और चार्जशीट तैयार की जाएगी। उन्होंने कि हिंदुस्तानी सिफारतकार के मामले में सबकुछ नियम के मुताबिक हुआ और इसके पीछे किसी तरह की अदावत नहीं थी। यह पूछे जाने पर ज़राये ने ना में जवाब दिया कि क्या उस वक्त देवयानी को पूरी सिफारती छूट मिली हुई थी।

उन्होंने कुबूल किया कि अगर देवयानी को यूएन के तहतसिफारती छूट मिल जाती है तो छूट के दौरान उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया नहीं जा सकता या उन्हें अदालत में नहीं लाया जा सकता। ज़राये ने कहा कि सिफारती छूट की हालत में मामला पेंडिंग रहेगा, लेकिन इसे खारिज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूएन से छूट मिलने के बाद अगर देवयानी हिंदुस्तान रत लौट जाती हैं और फिर अमेरिका आती हैं तो उन्हें गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि मामला बरकरार रहेगा।

1999 बैच की आईएफएस ऑफिसर खोब्रागड़े न्यू यॉर्क में डिप्टी काउंसिल जनरल के ओहदे पर बहाल थी और उन्हें अपनी मेड संगीता रिचर्ड के वीजा अप्लीकेशन के बारे में झूठी जानकारियां देने के इलज़ामात में 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें ढाई लाख अमेरिकी डॉलर के बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया था।

खोब्रागड़े की जांच के लिए उनके कपड़े उतरवाए गए और उन्हें क्रिमिनल्स के साथ जेल में रखा गया। हिंदुस्तानी डिप्लोमेट के साथ अमेरिका के इस सुलूक से दोनो मुल्को के बीच मामला गर्मा गया था और हिंदुस्तानि ने एहतिजाज दर्ज कराते हुए अमेरिकी डिप्लोमेट्स को दिए गए कई खुसूसी इख्तेयारात वापस लेने समेत कई कदम उठाए।