हिमाचल प्रदेश: देश भर में मुस्लिम मजहब के लोगों ने जहाँ हमेशा देश की सेवा करना और देश को तरक्की के राह पर आगे ले जाने की कोशिश की है वहीँ देश का मीडिया और मौजूदा सरकार उनकी कामयाबियों को उजागर करने से जाने क्यों कतराती रहती है। लेकिन अपनी जिम्मेवारी निभाने में हमेशा आगे रहने वाले हमारे देश के मुस्लिम भाई और बहनें कभी पीछे नहीं हटते।
देवभूमि के नाम से जानी जाने वाले देश के हिमाचल प्रदेश में शायद यह पहली बार ही हुआ है कि राज्य के इतिहास में मुस्लिम महिला आईपीएस को एसपी बनाया गया हो। हम यहाँ बात कर रहे हैं कुल्लू के नवनियुक्त डीसी यूनस व उनकी पत्नी अंजुम आरा की जो जिला सोलन की एसपी हैं।
बतौर एसपी सोलन जिला में शुक्रवार को ऑफिस संभालने वाली अंजुम आरा देश की दूसरी मुस्लिम महिला आईपीएस अफसर हैं और उनके पति आईएएस यूनस की गिनती भी देश के जाने माने जांबाज़ और ईमानदार आईएएस अफसरों में की जाती है। यूनस जो कुल्लू जिले में बतौर डीसी नियुक्त हुए हैं अभी अपना कार्यभार नहीं संभाला है।
आम तौर पर समझा जाता है की मुस्लिम औरतों को कुछ करने की आज़ादी नहीं होती और वो अनपढ़ या काम पढ़ी लिखी होती हैं जबकि सच्चाई इसके उल्ट है। हाँ यह जरूर है मुस्लिम समाज में चुनिंदा महिलाएं ही बड़े प्रशासनिक औहदों पर पहुंचती हैं, लेकिन उसके पीछे की वजहें राजनितिक या कुछ और भी हो सकती हैं लेकिन मन में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो मिसाल कायम की जा सकती है।
अपनी कहानी बताते हुए एसपी अंजुम ने बताया: “जब मैंने अपने पिता को आईपीएस बनने की इच्छा जाहिर की थी तो मुझे काफी हौंसला अफजाई मिली। हालाँकि उनके आईपीएस की तैयारी करने पर परिवार के कुछ लोग खुश नहीं थे लेकिन वो लगी रहीं और मेहनत का नतीजा उनके सामने आया।