देश के जवानों को 8 साल से नकली मैडल देकर काम चला रहा रक्षा मंत्रालय: रिपोर्ट

नई दिल्ली: देश की सरकार जहाँ सरहद पर तैनात देश के जवानों के हक़ों के लिए काम करने का दावा करती फिर रही है वहीँ हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने इन सभी दावों को झूठ साबित कर दिया है। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना लंबे समय से जवानों को दिए जाने वाले मेडल्स की कमी झेल रही है।

रिपोर्ट में आर्मी सूत्रों के हवाले से यह बात कही गई है कि देश के जवानों को शौर्य के लिए दिए जाने वाले मेडल्स की उपलब्ध्ता में कोई कमी नहीं है, लेकिन पिछले 8 सालों में रक्षा मंत्रालय के मैडल विभाग ने अन्य किसी भी किस्म के मेडल जारी नहीं किए हैं। पता चला है कि रक्षा मंत्रालय का मैडल विभाग अलग-अलग तरह के 14 लाख मेडल्स के बैकलॉग से जूझ रहा है।

इस बारे में बातचीत करते हुए सेना के एक वरिष्ठ अफसर ने कहा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब इस काम के लिए एक पूरा विभाग मौजूद है तो जवानों को दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार से खरीदे हुए नकली मेडल्स क्यों पहनने पड़ रहे हैं। आपको बता दें कि ओरिजनल और नकली मेडल में सिर्फ फर्क इतना है कि असली मेडल में जवान का नाम और उसका नंबर गुदा हुआ होता है जबकि नकली पर एेसा नहीं होता।