देश के पहले हेली पोर्ट का 28 फरवरी को उद्घाटन

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी में देश का पहला हेली पोर्ट आगामी 28 फरवरी को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा, जिसके बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बोझ कुछ कम हो जाएगा कल 25 एकड़ के दायरे में बने इस हेलीकॉप्टर पोर्ट में एक साथ 10 हेलीकॉप्टरों के उड़ान भरने या उतरने की सुविधा होगी।

हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टरों की आवाजाही की प्रक्रिया पूरी तरह रोहिणी हेलेना बंदरगाह पर ले जाया जाएगा। अब दिल्ली हवाई अड्डे के अलावा वीवीआईपी लोगों के लिए सफदरजंग हवाई अड्डे से भी हेलीकॉप्टरों की आवाजाही होती है। रोहिणी का हेली पोर्ट उत्तर भारत के हेलीकॉप्टर आपरेशन के केंद्र के रूप में काम करेगा।

यहाँ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के लिए उड़ान संभव होगी हेली पोर्ट पिछले साल ही बनकर तैयार हो गया था, लेकिन अभी तक रात में उड़ान भरने की इजाजत न मिलने की वजह से इसका औपचारिक उद्घाटन नहीं हुआ था।

पच्चीस एकड़ में फैले हेलेना पोर्ट चार हीनगरों में कुल 20 हेलीकॉप्टर रखने की व्यवस्था है। एक साथ 16 हेलीकॉप्टर बाहर बने हेली पीडों में उतारे जा सकते है चार हीनगरों एक ओएसएस एयर मैनेजमेंट कंपनी को दिया गया है और वह दो हेलीकॉप्टर के साथ व्यंजन भी शुरू कर चुकी है।

एक और हैंगर किसी निजी कंपनी को देने की योजना है जबकि दो खीनगरो लोगों का उपयोग सरकार हेलीकॉप्टर ऑपरेटर पोनखस लिमिटेड करेगी.रवहनी हेलेना पोर्ट को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल -3 में शामिल करने के लिए एक सीधे सड़क भी बनाई जा रही है जो करीब दो किलोमीटर के हिस्से पर निर्माण कार्य बाकी है। साथ ही भविष्य में इसे मेट्रो लाइन से भी जूड़ा जाएगा।