देश के मुर्दे अब नहीं कर सकेंगे वोट।

चंडीगढ़: सुनने को शायद यह खबर अटपटी लगे लेकिन देश के इलेक्शन कमीशन ने अब ऐसा खाका खींचने में जुटी है जिस से देश के मुर्दे वोट नहीं दाल पाएंगे।

दरअसल हर बार इलेक्शन के दौरान बहुत सारे ऐसे लोगों के नाम पर नकली वोटें डाली जाती हैं जिनकी मौत/ इंतेक़ाल हुए महीनों हो गये होते हैं। इसी परेशानी को दूर करने के लिए बन रही योजना के बारे में बताते देश के इलेक्शन कमिश्नर नसीम जैदी ने कहा है कि वोटर लिस्ट में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए हर जिले में जन्म व मौत का रिकॉर्ड रखने वाले रजिस्ट्रार ऑफिस को भारतीय चुनाव आयोग के साथ जोड़ा जाएगा और इसकी शुरुआत पंजाब से होगी।

इस पहल से मौत का सर्टिफिकेट जारी होने के साथ ही वोटर लिस्ट से भी रुखसत हुए आदमी का नाम काट दिया जाएगा। इससे न तो वोटों की डुप्लीकेसी होगी और न ही गलत वोट बन पाएंगे।

पत्रकारों से बातचीत में जैदी ने कहा कि किसी भी इंसान की मौत के बाद वोट काटने की जिम्मेदारी सिर्फ मरने वाले के परिवार पर ही नहीं छोड़ी जा सकती। इसके लिए ऑटोमैटिक सिस्टम तैयार कर रिकॉर्डों को साथ जोड़ने का काम किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी। यह तकनीक राज्य के ई-डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के जरिए चलेगी। यदि कामयाबी मिली तो इसे देश के बाकी राज्यों में भी शुरू किया जाएगा।