नई दिल्ली: दुनिया भर में आतंकवाद का माहौल और जानलेवा घटनाओं के इस खतरनाक मंज़र के बीच जहाँ दुनिया भर के देश अपने आवाम की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध कर रहे हैं वहीँ हमारे देश हिंदुस्तान का हाल कुछ और ही है।
हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट से पता चला है कि देश के २७ अहम हवाईअड्डों पर मुसाफिरों और हवाईजहाजों की सुरक्षा के लिए जो इंतज़ाम जरूरी हैं उनमें बड़े पैमाने पर खामियां हैं। सबसे बड़ी खामी की बात करें तो वो है हवाईअड्डों की सुरक्षा के लिए तैनात किये जाने वाले स्टाफ सीआईएसएफ स्टाफ की कमी।
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा ख़ास तौर पर किया गया है और यह भी कहा है कि सीआईएसएफ स्टाफ की तैनाती न होने की ख़ास वजह पैसे की कमी है। मुसाफिरों और उनके सामान की जांच करने के लिए एयरपोर्ट दूसरी सुरक्षा एजेंसियां जैसे इंडिया रिज़र्व बटालियंस और राज्य सरकार की पुलिस एजेंसियों की मदद लेती हैं। ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म और कल्चर के लिए बनी पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी की इस रिपोर्ट में इस बात को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है और कहा है कि: “यह बहुत ही डर पैदा कर देने वाली बात है कि हमारे देश के 8 अति-संवेदनशील और 19 संवेदनशील हवाईअड्डों पर सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ का स्टाफ तैनात नहीं है जिसे ख़ास तौर पर हवाईअड्डों की सुरक्षा के लिए तैयार किया जाता है”।
आपको बता दें कि सीआईएसएफ के 1.42 लाख सुरक्षा कर्मियों की फ़ौज में से कुछ बेहतरीन जवानों को चुनकर ए.एस.जी यानि एविएशन सिक्योरिटी ग्रुप नाम का एक अलग दस्ता बनाया गया है जिसमें करीब 20000 महिला और पुरुष कमांडो भी शामिल हैं।