नई दिल्ली: दुनिया भर के रईस लोगों के काले धन का पूरा चिट्ठा जब “पनामा पेपर्स लीक” के रूप में जनता के सामने आया तो दुनिया भर की सरकारों, उनके मंत्रियों और उनके चहेते लोगों के होश फाख्ता हो गए। ऐसे वक़्त पर दुनिया भर के मीडिया चैनलों ने अपना फ़र्ज़ निभाते हुए उन लोगों को जनता के सामने बेनक़ाब किया जिन्होंने देश के साथ गद्दारी की।
ऐसे में हमारे देश के एक प्राइम टाइम शो चलाने वाले एक जर्नलिस्ट जिनकी जुबान बैंकों में लगी नोट गिनने वाली मशीन से भी तेज़ चलती है को पनामा पेपर्स पर बोलने से पहले शायद लकवा मार गया है।
देश में पिछले काफी वक़्त से बंदर-गुलाटी मार रहे कुछ नेता और उनके चमचे एक दम से चुप क्यों हो गये इसके पीछे की वजह साफ़ है। दरअसल पनामा पेपर्स में देश के ऐसे बहुत से लोगों के नाम सामने आये हैं जो सत्ताधारी लोगों में शामिल हैं या उनके करीबी हैं। ऐसे में अर्नब गोस्वामी जैसे लोग जो ऐसे ही चंद लोगों के टुकड़ों पर पलते हैं और ‘सही को गलत’ और ‘गलत को सही’ बताकर ही अपना पेट पाल रहे हैं पनामा पेपर्स पर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।
ऐसे लोग सिर्फ और सिर्फ अपने मालिक के इशारों पर काम करते हैं। जैसे कभी-कभी हम सब अपने पालतू को एक गेंद दिखाकर दूर फेंक देते हैं ताकि वह हमारा हुक्म समझ गेंद वापिस ला हमारे पैरों में डाल दे।