देश में ख़ून-खराबा करा अगला इलेक्शन जीतने की साजिश बना चुकी है BJP: रिपोर्ट

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नई दिल्ली: देश के मौजूदा हालातों से तो देश का हर शख्श वाकिफ है ही और यह भी समझ पा रहा है कि आने वाले वक़्त देश को कैसे दिन दिखाने वाला है। लेकिन अगर आपका सोचना यह है कि देश में होने वाले दंगे, मार-काट और दम घोंटता माहौल महज एक इत्तेफ़ाक़ है तो बाबू आप किसी अलग दुनिया में जी रहे हैं जो हक़ीक़त से काफी परे है।

सच तो यह है की देश में यह माहौल बनाने के लिए कोशिशें आज या 2014 से शुरू नहीं हुई हैं। यह कोशिशें पिछले 10 साल से भी ज़यादा वक़्त से की जा रहीं हैं। और यह बात कही है दिल्ली की एक मश्हूर अखबार “द मिली गैज़ेट” ने एक स्पैशल रिपोर्ट के जरिये जिसको लिखा है देश के जाने माने इनवेस्टिगेटिव रिपोर्टर पुष्प शर्मा ने।

शर्मा की रिपोर्ट ने अपनी कई दिनों की खोजबीन, अंडरवर्ल्ड के खबरियों से मिली टिपों और नौकरी से सस्पेंड किये गए ऐसे कई पुलिस अफसरों जिनका इस्तेमाल पुलिस और देश की सुरक्षा एजेंसियां अपने दूसरे तरीके के काम करने में करती है से जानकारियां जुटा कर बनाई है।

इस रिपोर्ट से साफ होता है कि कैसे देश में मौजूदा सरकार बनाने वाली पार्टी बीजेपी के नेता नरेंद्र मोदी को सस्ती शौहरत दिलाने के लिए देश के मौजूदा सिक्योरिटी एडवाइजर और पूर्व इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ रह चुके अजित डोवाल मिल कर काम कर रहे हैं ताकि 2019 में आने वाले इलेक्शन के बाद भी देश की बागडौर मौजूदा सरकार के हाथ में ही रहे। रिपोर्ट के मुताबिक़ अन्ना हज़ारे और बाबा रामदेव के आन्दोलन के पीछे भी अजित डोवल ही का दिमाग़ था, अन्ना हज़ारे के आन्दोलन के बाद से ही UPA-2 की पॉपुलैरिटी में गिरावट आई। डोवल जब I.B. के चीफ थे तो उस वक़्त उन्होंने कई उग्रवादी संगठनों से डील किया था।

शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक देश के लोगों को अलग-अलग खाकों में बाँटकर और देश में नैशनललिस्म की भावना पैदा कर लोगों को लड़वाने और देश में खून खराब करने की साजिश की जा रही है। देश का इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि कैसे दंगों को अंजाम देने के बाद गुजरात और मुजफ्फरनगर जैसे इलाकों में लोगों से झूठी हमदर्दी जातने वाली सरकार ने वोटें बटोर कर देश पर राज किया है। देश में होने वाले दंगों का नुकसान सिर्फ और सिर्फ आम आदमी झेलता है। डंडे खाता है तो आम आदमी, घर और दुकान भी आम आदमी की ही जलती है और इज़्ज़त लुटती है तो वह भी आम आदमी के बीवी बच्चों की, जैसा कि पिछले कुछ दिन पहले जाट आरक्षण की आज में जले हरियाणा में कई अस्मतें लुटीं।

सरकार और उसके लोग अपनी हाई सिक्योरिटी बंगलों में यह सारा मंजर टीवी पर मजे से देख रहे होते हैं। और जब दंगों से तबाह हुए इलाके में चुहले जलाने वाली औरतें बेवा होकर बैठी होती हैं तो यह राजनितिक लोग पहुँचते है रैली करने और मगरमच्छ के आंसू बहाने। ” भाइयों और बहनों, आपके आंसू पोंछने आया हूँ, ……” जैसी ही किसी लाइन से भाषण की शुरुआत कर आखिर में कुछ को नौकरी और पैसे देकर महान बनने की कामयाब कोशिश की जाती है या यूँ कहें अपने गंद को ढंकने की कोशिश की जाती है। ” 

पुष्प शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि देश के अवाम को अफस्फसफा की भावना से चार्ज करने के लिए मोदी सरकार दाऊद इब्राहिम के मुद्दे को लोगों के सामने रख रही है और अंदरखाते में दाऊद को मारने और उसकी सारे धंधों को तबाह करने का प्लान बना रही है। ऐसा इसलिए नहीं कि उसे देश से प्यार है बल्कि इसलिए क्यूंकि खुद को देशप्रेमी साबित करने के लिए दाऊद का मरना या पकड़ा जाना जरूरी है। यही वजह है कि छोटा राजन जैसे अंडरवर्ल्ड डॉन को इंडोनेशिया से गिरफ्तार कर हिंदुस्तान लाया गया है, क्यूंकि यह बात तो जगजाहिर है की काफी वक़्त तक साथ काम करने के बाद मुंबई बम हमलों के बाद से दाऊद और छोटा राजन एक दुसरे के दुश्मन बन चुके हैं और एक दुसरे को ख़त्म करने पर आमदा हैं।

ऐसे में अजित डोवाल ने मोदी सरकार की गुप्त हिदायतों पर काम करते हुए एक प्लान के तहत छोटा राजन और पुलिस के कुछ चुनिंदा अफसरों जिनको बेतुकी वजहों से सस्पेंड किया गया है के साथ मिलकर एक ऐसी टीम तैयार की है जिसके पकडे जाने की सूरत में सरकार या देश की एजेंसीज पर कोई इलज़ाम न आए। सिक्के के सिर्फ एक पहलु को अगर देखा जाए तो देश के दुश्मनों को खत्म करने का प्लान है तो बेहतरीन लेकिन प्लान का दूसरा हिस्सा या पहलु जिसमें मोदी सरकार नेशनलिस्ट भावनाओं को जगाकर देश के हर उस शक्श को एंटी- नेशनलिस्ट करार देने में जुटेगी एक भद्दा, बेहूदा और खौफनाक है और जिसका उदारण हम जेएनयू मामले में देखने को मिला है।

शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में बीजेपी सरकार के राज में होने वाले जुर्मों की लिस्ट में बाबरी मस्जिद, गोधरा कांड और फ़र्ज़ी एनकाउंटर्स के मामलों पर भी रौशनी डाली है।