देहरादून बोर्डिंग स्कूल में छात्रा से गैंगरेप, पीड़िता गर्भवती

दुराचार की पीड़ित छात्रा आया से लेकर डायरेक्टर तक के दरवाजे पर गिड़गिड़ाई, लेकिन हर जगह उसी की गलती बता दी गई। यही नहीं इन सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने उसे स्कूल से निकालने की धमकी भी दी। इसी कारण छात्रा करीब एक महीने तक चुप रही।

वहीं भाउवाला स्थित बोर्डिंग स्कूल में छात्रा संग हुई गैंगरेप की घटना के बाद लोगों में रोष व्याप्त है। मंगलवार को गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की। बता दें कि इसी ग्रुप के स्कूल में छात्रा संग गैंगरेप हुआ है।

पुलिस जांच में पता चला कि छात्रा ने अपने साथ हुई घटना को थोड़ी देर बाद ही हॉस्टल की आया मंजू को बताया था। इसके बाद उसे सुनने को मिला कि उसी की गलती है, लिहाजा वह चुप रहे। इसके बाद मंजू ने अगले दिन इस बात को मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी तनु मल्होत्रा को बताया। तनु ने छात्रा को बुलाया और कहा कि वह चुप रहे, नहीं तो उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा। बात धीरे धीरे प्रिंसिपल और डायरेक्टर के पास भी गई। उन्होंने भी पीड़ित छात्रा को अपने पास बुलाया और दो टूक कहा कि यह सब उसी की गलती के कारण हुआ है। अगर यह बात वह किसी को बताएगी तो उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा।

पीड़ित छात्रा ने पुलिस को बताया कि वह इसी डर से चुप रही, लेकिन चार दिन पहले जब उसे मासिक धर्म नहीं हुआ तो वह घबरा गई। उसने अपनी सहेलियों से पूछा तो उन्होंने गर्भवती होने जैसी बात बताई। इसे लेकर वह डायरेक्टर से मिलना चाह रही थी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। इसके बाद शनिवार को उसे अपने कमरे में बुलाया और डॉक्टर के पास चलने को तैयार रहने को कहा। यही नहीं, आरोप है कि डायरेक्टर ने उसे धमकी दी कि गर्भपात कराने के बाद उसे स्कूल से निकाल देगी।

इस पूरे मामले का खुलासा पुलिस ने अमर उजाला की सूचना पर किया। यह अमर उजाला पर भरोसे की बानगी है कि इस जघन्य वारदात की जानकारी एक गुमनाम व्यक्ति ने अमर उजाला को दी। अमर उजाला ने इसे एसएसपी निवेदिता कुकरेती से साझा किया और उन्होंने बिना वक्त गंवाए न केवल कार्रवाई के निर्देश दिए, बल्कि नतीजा आने तक मॉनिटरिंग भी करती रही। नतीजा, इस मामले के सभी आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। आप भी हमसे कोई सूचना साझा कर सकते हैं। इस नंबर पर :- 7617566171

राजधानी के नामी बोर्डिंग स्कूल में गैंगरेप के मामले को दबाने के लिए स्कूल प्रबंधन पीड़ित छात्रा की जान से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूका। जिन दवाओं को महिलाओं को देने से भी मना किया जाता है, प्रबंधन ने गर्भपात के लिए वही दवाएं छात्रा को दिलवाईं। स्त्री रोग विषेशज्ञों के अनुसार इन दवाओं से महज 15 साल की इस छात्रा को जान का खतरा भी हो सकता है।

इधर, पुलिस ने राजपुर रोड स्थित डॉक्टर के क्लिनिक पर भी छापेमारी की। वहां उसका रजिस्टर आदि चेक किया जा रहा है। छात्रा के गर्भवती होने का पता चलने के बाद आनन-फानन में रविवार सुबह उसे राजपुर रोड स्थित एक चिकित्सक के क्लिनिक ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे गर्भपात के लिए दवाएं खिलाईं।

एसओ नरेश राठौर का कहना है कि क्लिनिक के रजिस्टर को चेक किया जा रहा है। वहां फिलहाल छात्रा की एंट्री नहीं मिली है। चिकित्सक की तलाश की जा रही है, ताकि उससे भी पूछताछ की जा सके। उन्होंने बताया कि यदि जरूरी हुआ तो चिकित्सक के खिलाफ जांच के लिए सीएमओ को भी लिखा जाएगा।

गैंगरेप के आरोप में पकडे़ गए छात्र भले ही नाबालिग हैं, लेकिन उन्होंने घटना को बड़े ही शातिराना तरीके से अंजाम दिया था। उन्होंने स्कूल के हॉस्टल में छात्रा को एक टीचर के नाम से बुलावा भेजा था। छात्रा उनकी बातों में आ गई और हॉस्टल के स्टोर की तरफ चली गई। इसी बीच वहां इन छात्रों ने उसे पकड़ा और गैंगरेप कर डाला। यही नहीं, आरोपी छात्रों ने छात्रा को जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया।

घटना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त से एक दिन पहले शाम की है। उस दिन ज्यादातर स्टाफ और छात्र स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में व्यस्त थे। आरोपियों ने इसी का फायदा उठाकर घटना को अंजाम दिया। छात्रा अपनी सहेलियों के साथ हॉस्टल के कमरे में मौजूद थी। इसी बीच एक आरोपी ने छात्रा के पास बुलावा भेजा कि उसकी टीचर उसे समारोह में भाग लेने के लिए बुला रही है। जिस जगह उसे बुलाया गया था वह रास्ता स्टोर के पास से गुजरता है। जैसे ही छात्रा स्टोर के पास आई तो एक छात्र ने उसे अंदर खींच लिया।

वहां उसने छात्रा से शारीरिक संबंध बनाने की बात कही तो वह हाथ छुड़ाकर भागने लगी। इसी बीच वहां तीन और छात्र पहुंच गए। आरोप है कि चारों छात्रों ने छात्रा से दुराचार किया। छात्रा के बयान के आधार पर पुलिस ने बताया कि चारों छात्रों ने उसके साथ बारी-बारी से दुराचार किया और उसे जान से मारने की धमकी दी। साथ ही पूरे हॉस्टल में यह बात बताने की धमकी देकर उसे स्टोर में छोड़कर भाग आए। एसओ नरेश राठौर ने बताया कि छात्रा ने अपने बयानों में कई ऐसी घटनाओं का भी खुलासा किया, जिसे सुनकर सभी अधिकारी दंग रह गए।

बोर्डिंग स्कूल में छात्रा से गैंगरेप के मामले में स्कूल प्रबंधन संवेदनहीनता की हद तक गया। मामले को हर स्तर पर दबाने का प्रयास किया गया, इसके बाद जब प्रकरण के बड़ा होने की आशंका हुई तो पीड़िता की मदद के बजाए आरोपियों को ही बचाने का प्रयास किया गया। आरोपी छात्रों को रातोंरात स्कूल की दूसरी शाखा में शिफ्ट कर दिया गया।

जबकि, पुलिस को बताया गया कि चारों छात्र छुट्टी पर गए हैं। सोमवार को दूसरी शाखा में चारों छात्र मिले। आरोपियों के बयान के मुताबिक शुरुआत में बात अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच ही चल रही थी। लग रहा था कि मामला दब जाएगा। मगर, शनिवार शाम को जब छात्रा के गर्भवती होने का पता चला तो स्कूल व हॉस्टल प्रबंधन के हाथपांव फूल गए। यहां भी प्रबंधन ने पीड़िता की मदद करने के बजाए छात्रों को ही बचाने का प्रयास किया। शनिवार देर रात सभी आरोपी छात्रों को डायरेक्टर के कमरे में बुलाया गया और उन्हें किसी को कुछ न बताने की हिदायत दी गई।

इसके बाद डायरेक्टर की कार में बैठाकर उन्हें स्कूल की दूसरी शाखा में भेज दिया गया। यहां भी किसी को कानोंकान खबर नहीं होने दी गई कि इन छात्रों को यहां क्यों लाया गया है। इधर, जब रविवार शाम को पुलिस भाऊवाला ब्रांच में जांच पड़ताल कर रही थी तो उन्हें बताया गया कि सभी छात्र छुट्टी गए हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने हॉस्टल के सभी कमरों की तलाशी भी ली, मगर उनका कहीं पता नहीं चला। इस पर जब स्कूल प्रिंसिपल जितेंद्र शर्मा से सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने सारा राज खोल दिया। इसके बाद पुलिस को सोमवार को चारों छात्र पुलिस को दूसरी शाखा में मिल गए। उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया।

छात्रा से गैंगरेप के सनसनीखेज मामले में सोमवार को सीबीएसई देहरादून ने भी स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने स्कूल प्रशासन और स्कूल प्रबंधन से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। इस नोटिस की एक कॉपी सीबीएसई के हेड ऑफिस भी भेजी गई है।

सोमवार को अमर उजाला में प्रकाशित छात्रा से गैंगरेप की खबर का संज्ञान लेते हुए सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई है कि हॉस्टल परिसर के भीतर कैसे एक छात्रा के साथ ऐसी सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया गया। उन्होंने पूछा है कि क्या स्कूल परिसर में छात्राओं की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए इंतजामों का ब्यौरा मांगा है।

सभी तथ्यों के साथ स्कूल के चेयरमैन, मैनेजर और प्रिंसिपल से उन्होंने 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। इस नोटिस की कॉपी सीबीएसई के संबद्धता विभाग को भी भेजी गई है। सीबीएसई देहरादून के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि स्कूल से जवाब आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लगातार सभी स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा और काउंसिलिंग के इंतजाम करने के प्रति आगाह किया जा रहा है। इसके बावजूद इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।