देहातों तक नहीं पहुंचा कैश, कोई है जो सुनेगा इनकी परेशानी?

पटना: पांच सौ और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद होने से परेशान नागरिकों की चर्चा तो हर तरफ हो रही है, लेकिन गांवों की खबर कोई नहीं ले रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक नई मुद्रा पहुंची ही नहीं है। कहीं पहुंची है, तो बहुत कम। घर बार छोड़कर ग्रामीण, विशेष रूप से महिलायें बैंकों में पहुंची हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की हालत देख कर पता चल रहा है कि रिजर्व बैंक ने पूरी तैयारी की ही नहीं है।

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बिहार के पूर्णिया ज़िले के जलालगढ़,बैसी,अमौर अन्य कई परखंड के बैंकों में कैश न होने की वजह से ग्रामीण बहुत परेशान हैं खरहिया गाँव के शफीक़ अंसारी के अनुसार 19 नौम्बर को उनकी शादी है शादी के कार्ड बंट गए हैं लेकिन वह बैंकों में कैश न होने की वजह से काफ़ी परेशान हैं और शफीक़ कह रहे हैं कि एक तो मैंने शादी की वजह से रूपये कैश करा लिए थे अब पुरे दिन लाइन में लग के उसे जमा करूँ या क्या करूं मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है और ऊपर से अभी तक यहाँ के बैंकों में कैश नहीं आया है.
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले के मेहनाजपूर शहर के रहने वाले रितेश श्रीवास्तव के अनुसार ’13 को बहन की सगाई है, हम तो पैसे रहते हुए भी गरीब हो गए हैं, सुबह 5 बजे से लाइन में लगा हूँ, पैसा मिलने की उम्मीद भी नहीं है। समझ नहीं आ रहा क्या करूं? ।
गोरखपुर के बैलघाट के अजय कुमार का कहना है कि यहां के ग्रामीण और स्टेट बैंक में अभी नई मुद्रा नहीं पहुंची है। एटीएम बंद हैं। लोगों के पैसे जमा हो रहे हैं, लेकिन मिल नहीं रहे हैं। इसलिए लोगों को शादी और उपचार में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गुरुवार को भी यहां लोगों को नई मुद्रा नहीं मिल पाई थी। लोग उर्वरक, बीज और राशन के लिए परेशान हैं। गांवों में लोग शहरों की तरह अक्सर बैंक और एटीएम पर नहीं जाते। वह कुछ दिन के खर्च के लिए पैसे निकाल कर घर में रखते हैं। अब इस फैसले को लेकर ग्रामीण परेशान हैं। महिलाएं अपने बच्चों को लेकर दिन भर बैंक के बाहर बैठी हुई हैं।