दोनों शहरों हैदराबाद और सिकंदराबाद के इलावा रियासत भर में जश्न मीलाद उन्नबी (सल.) का जोशो ख़रोश के साथ इनेक़ाद अमल में आया। 12 रबीउल अव्वल को शहर के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात से मीलाद जलूस का एहतेमाम किया गया था जो कि 11 बजे के करीब तारीख़ी चारमीनार के दामन में सुन्नी यूनाइटेड फ़ोरम ऑफ़ इंडिया के ज़ेरे एहतेमाम निकाले जाने वाले मर्कज़ी मीलाद जलूस में ज़म हो गए।
मीलाद जलूस का आग़ाज़ मौलाना सैयद शाह हसन इब्राहीम हुसैनी अल क़ादरी सज्जाद पाशा ने झंडी दिखाकर किया। क़ब्ल अज़ीं मौलाना सैयद शाह क़ुबूल बादशाह कादरी शत्तारी ने दुआ की। कन्वीनर मर्कज़ी मीलाद जलूस मौलाना सैयद शाह ज़हीर उद्दीन अली सूफ़ी ने शहर के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों से पहुंचने वाले जलूसों का ख़ैर मक़दम किया। मीलाद जलूस के मौक़ा पर शहर के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों से निकाले गए जलूस के निगरान और ज़िम्मेदारान की गुलपोशी की गई।
शहर में जश्न मीलाद उन्नबी (सल.) के एहतेमाम के सिलसिले में ना सिर्फ़ मीलाद जलूस निकाले गए बल्कि ख़ून के अतीया कैंप के इलावा मुख़्तलिफ़ फ़लाही सरगर्मियों बिलख़सूस दवाख़ानों में मेवाजात की तक़सीम और गुर्बा में तनावुल ताम का इंतेज़ाम भी किया गया। चारमीनार के करीब ब्लड डोनेशन कैंप का इनेक़ाद अमल में लाया गया जहां पर ज़ाइद अज़ 500 नौजवानों ने ख़ून का अतीया देते हुए मरीज़ों की मदद की।
इसी तरह मर्कज़ी मकतबा आसिफ़िया (सेंट्रल लाइब्रेरी) में फ़ोकस और तंज़ीम इरशादुल मुस्लिमीन के ज़ेरे एहतेमाम ख़ून का अतीया कैंप मुनाक़िद किया गया। इलावा अज़ीं इन तन्ज़ीमों की जानिब से शहर के मज़ीद तीन मुक़ामात पर ख़ून के अतीया कैंप मुनाक़िद किए गए। सेंट्रल लाइब्रेरी में सेक्रेट्री आंध्र प्रदेश माइनॉरिटी वेलफ़ेयर डिपार्टमेंट जनाब उमर जलील आई ए एस ने ख़ून का अतीया दिया। इन ख़ून के अतीया कैंपों में हज़ारों नौजवानों ने थलसमिया के मुतासरीन के लिए ख़ून का अतीया दिया।
मर्कज़ी मीलाद जलूस की रवानगी के मौक़ा पर मौलाना सैयद शाह अली अकबर निज़ाम उद्दीन हुसैनी साबरी, मौलाना सैयद शाह औलिया हुसैनी मुर्तज़ा पाशा, मौलाना सैयद मुहम्मद अहमद अल हुसैनी अल क़ादरी सैयद कादरी, मौलाना सैयद असद उल्लाह हुसैनी उसमान पाशा, मौलाना सैयद अकरम पाशाह तख़्त नशीन, मौलाना अल मुस्तफा कादरी, मौलाना सैयद आले रसूल कादरी, मौलाना सैयद ज़ाकिर अली दानिश के इलावा एडीशनल डिप्टी कमिशनर ऑफ़ पुलिस साउथ ज़ोन मिस्टर के बाबू राव और दीगर मौजूद थे।
जलूस के शुर्का से उल्मा और मशाइख़ीन ने मुख़्तसिरन ख़िताब के दौरान उन्हें साल भर उस्वाए हुस्ना पर अमल करने की तलक़ीन करते हुए कहा कि नबी अकरम सल्लल्लाह अलैहि वसल्लम से मुहब्बत का इज़हार फ़राइज़ और सुन्नतों पर अमल आवरी के ज़रीए किया जा सकता है। इस मौक़ा पर हाफ़िज़ रिज़वान कुरैशी ख़तीब और इमाम मक्का मस्जिद के इलावा दीगर मौजूद थे।
कारवाँ, शम्साबाद, क़िला गोलकुंडा, लंगर हौज़, मलक पेट,सुरूर नगर, दिलसुख नगर, सिकंदराबाद, नामपल्ली के इलावा शहर के दीगर इलाक़ों में भी मीलाद उन्नबी(सल.) के मौक़ा पर जल्से और जुलूसों का एहतेमाम किया गया था।