पटना : बिहार एसेम्बली इंतिख़ाब में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की दोस्ती रंग लायी है। महागंठबंधन के हक़ में दो तिहाई से ज़्यादा सीटें आने के बाद अब रियासत में नयी हुकूमत की तशकील की पहल शुरू हो गयी है। नीतीश कुमार पांचवीं बार रियासत के वजीरे आला बनेंगे। इमकान है कि नयी हुकूमत में राजद और कांग्रेस भी हिस्सेदारी होगी। राजद से एक नायब सदर बनाये जा सकते हैं।
एसेम्बली सदर की कुरसी कांग्रेस को मिल सकती है। इंतिखाबा रिजल्ट के बाद सात सर्कुलर रोड वाकेय नीतीश कुमार के सरकारी रिहाइशगाह पर मुनक्कीद प्रेस कोन्फ्रेंस में वजीरे आला नीतीश कुमार ने कहा कि जल्द ही जदयू एमएलए दल की बैठक होगी। इसमें नीतीश कुमार को एमएलए दल का लीडर चुना जायेगा।
इसके बाद महागंठबंधन के एमएलए की एक साथ बैठक होगी। फिर गवर्नर के सामने हुकूमत बनाने का दावा पेश किया जायेगा। हालांकि, मौजूदा हुकूमत की मुद्दत 29 नवंबर तक है। इसलिए, उम्मीद की जा रही है छठपूजा के बाद महागंठबंधन की हुकूमत बनेगी । वजीरे आला ने कहा कि इस बारे में साथी पार्टियों से आपस में मिल बैठ कर फैसला लेंगे।
इतवार का दिन नीतीश कुमार और लालू प्रसाद व कांग्रेस के लिए खुशी का दिन रहा। एक सौ एक सीटों पर इंतिख़ाब लड़ रहा राजद 80 सीटें लाकर सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है, जबकि इतनी ही सीटों पर लड़ रहे जदयू को 71 सीटें मिली हैं। कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत हासिल की है। साल 1995 के बाद कांग्रेस का यह सबसे अच्छा मुजाहिरा है। दूसरी तरफ भाजपा तीसरे नंबर की पार्टी बन गयी है। उसे 53 सीटें मिल पायी हैं। एनडीए को कुल मिला कर 58 सीटें मिली हैं।
कई जिलों में भाजपा का खाता भी नहीं खुल पाया है। रालोसपा के दो उम्मीदवार जीत पाये हैं। इसी तरह हम से सिर्फ साबिक़ सीएम जीतन राम मांझी ही इंतिख़ाब जीत पाये हैं। उन्होंने इमामगंज सीट से पर एसेम्बली सदर उदय नारायण चौधरी को हराया, लेकिन मांझी को मखदुमपुर सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा। लोजपा को महज दो सीटें मिली हैं।
सबसे अहम बात है कि लालू प्रसाद के बेटों तेज प्रताप व तेजस्वी को छोड़ कर बाक़ी लीडर के बेटे हार गये। रामविलास पासवान के भतीजे प्रिंस राज, डॉ सीपी ठाकुर बेटे विवेक ठाकुर, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन, अश्विन चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत, हुकुम देव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं सरगर्म सियासत से दूर शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी को जीत मिली है।
क्यों हुई एनडीए की करारी हार
– रिज़र्वेशन पर भागवत का बयान
– नीतीश के डीएनए पर सवाल उठाना
– गाय का गोश्त को लेकर बिलावजह बयानबाजी
– लालू को शैतान कह कर हमला करना
– नीतीश पर बिना सुबूतों के हमला करना
– प्याज, दाल की कीमतों में भारी इजाफा
– नीतीश के मुकाबले रियासत में एनडीए के पास कोई दमदार चेहरा का न होना
– नीतीश सरकार के कामकाज के फी लोगों की पॉज़िटिव राय
यह बिहार के लोगों की जीत है। यह रिजल्ट बिहार के विजडम को मुजाहिरा करता है। हर तबके में जो उम्मीद है और जो यकीन किया है, उसे हम समझते हैं और आवाम की उम्मीदों के मुताबिक काम करेंगे। हम मिल-जुल कर पॉज़िटिव तौर से काम करेंगे।
नीतीश कुमार, वजीरे आला, बिहार
यह तक़सीम पर इत्तिहाद की जीत है। घमंड पर सादगी की जीत है। बिहार की आवाम की जीत है। वजीरे आजम घमंडी हो गये हैं। उन्हें तशहीर बंद कर काम करना चाहिए, नहीं तो आवाम की गाड़ी से बाहर कर देगी।
राहुल गांधी, कांग्रेस नायब सदर
गरीब मां-बहनों ने महागंठबंधन के हक़ में रायशुमारी किया। हम उनके अरमनों को पूरा करेंगे। अवामी रुझान के सामने हम सर झुकाते हैं। हमारी बातें सच साबित हुई। हमने 190 सीटें आने की बात कही थी, कमोवेश उसी के आस-पास हम पहुंचे हैं।
लालू प्रसाद, राजद सदर
हम आवाम की हुक्म का इज्ज़त करते हैं। इंतिख़ाब रिजल्ट उम्मीद से अलग हुआ। दीपावली के बाद इसका जायज़ा लेगी। रियासत की तरक़्क़ी के लिए हुकूमत को पॉज़िटिव मदद करेंगे व ओपोजीशन की किरदार निभायेंगे।
सुशील कुमार मोदी, भाजपा