भाजपा की तरफ से लगाया जानेवाला वजीरे आला का दरबार गुजिशता दो माह से बंद है। गुजिशता बार सात फरवरी को रियासत दफ्तर में वजीरे आला का दरबार लगा था। इसके बाद से अब तकदरबार नहीं लगाया गया है। रियासती भाजपा की तरफ से हर सनीचर को वजीरे आला दरबार लगाने की एलान की गयी थी। इसके बाद से सिर्फ तीन बार ही दरबार लगा।
इसमें रियासत के मुखतलिफ़ हिस्सों से आये कर्कुनान की फरियाद वजीरे आला ने सुनी थी। वजीरे आला ने अफसरों को काम में सुधार लाने का भी हुक्म दिया था। ज़राये से मिली जानकारी के मुताबिक हुकूमत और रियासती तंजीम के मैनेजमेंट के अभाव में कारकुनान दरबार नहीं लग पा रहा है। गुजिशता तीन बार लगाये गये दरबार में 500 से ज़्यादा लोगों ने वजीरे आला रघुवर दास से मिल कर मसले के हल को लेकर गुहार लगायी थी। इधर, पार्टी के आला लीडरों का कहना है कि मार्च में एसेम्बली के बजट सेशन की वजह से दरबार नहीं लग पाया।
इस दौरान पार्टी की तरफ से मेम्बर बनाने का मुहिम भी चलाया जा रहा था। इसमें पार्टी के अहम लीडरों के साथ-साथ कारकुनान भी जुटे हुए थे। यह भी कहा जा रहा है कि कर्कुनान दरबार के दौरान ज़्यादातर मामले या तो जमीन तनाजे से मुतल्लिक़ थे या उनमें कारकुनान का ज़ाती मूफाद था।
ज़्यादातर जमीन तनाजे के मामले अदालतों में जेरे गौर हैं। ऐसे में उन पर कार्रवाई करना दिक़्क़त होगा। कारकुनान दरबार के दौरान ही वजीर आला ने सनीचर को ही आवाम दरबार लगाने की ऐलान की थी। यह भी कहा गया था कि बजट सेशन के बाद जिलों में आवाम दरबार लगा कर मसले सुनी जायेंगी और इसका हल किया जायेगा।