दो मुल्ज़िमीन की गवाह बनने की कोशिश पर मतोफ़ेह की फ़ैमिली का एतराज़

बलिया (यू पी), 7 जनवरी: दिल्ली गैंग रेप वाक़िये की शिकार मतोफ़ेह की फ़ैमिली ने आज इस केस में छः के मिनजुमला दो मुल्ज़िमीन की तरफ‌ से सरकारी गवाहों बन जाने के कदम की मुज़म्मत करते हुए कहा कि ये सज़ाए मौत से बचने के लिए किया जा रहा है और ख़ाहिश की कि इस अपील को मुस्तर्द कर दिया जाये।

दो मुल्ज़िम अश्ख़ास को सरकारी गवाह बनने की इजाज़त देना दरुस्त नहीं है क्योंकि ये उन की तरफ़ से सज़ाए मौत से बचने की कोशिश के सिवा-ए-कुछ नहीं है, 23 साला मतोफ़ेह के बिरादर ने यहां अपने आबाई मौज़ा मैदा वार काला में पी टी आई को ये बात बताई।

लड़की के वालिद ने कहा कि इस केस में माक़ूल गवाह मौजूद हैं और मुल्ज़िमीन को गवाह बनाने की कोई ज़रूरत नहीं है। लड़की के दादा और अंकल & लाल जी सिंह और के पी सिंह & ने कहा कि इन मुल्ज़िमीन को जिन्होंने घना जुर्म का इर्तिकाब किया, किसी किस्म की राहत नहीं मिलना चाहीए और ना उन्हें सरकारी गवाह बनाया जाये।

चार मुल्ज़िमीन जिन्हें उन की 14 रोज़ा अदालती तहवील ख़त्म होने के बाद कल दिल्ली में मेट्रोपोलैटिन मजिस्ट्रेट ज्योति क्लियर के रूबरू उन के चैंबर के अंदरून पेश किया गया, इन में से पवन गुप्ता और वनए शर्मा ने क़ानूनी इमदाद कौंसल की ख़िदमात हासिल करने से इनकार किया और इजतिमाई इस्मत रेज़ि-ओ-क़तल केस में ममलकत की तरफ़ से गवाह बन जाने पर अपनी आमादगी ज़ाहिर की।

इस केस में मजमूई तौर पर छः मुल्ज़िमीन हैं, जिन में एक नाबालिग़ है। क़ानूनी माहिरीन की राय है कि कोई भी मुल्ज़िम सज़ा से बचने की ख़ातिर ऐसी उम्मीद नहीं करसकता कि गवाह बन जाये बिलख़सूस किसी घना जुर्म जैसे बहीमाना इजतिमाई इस्मत रेज़ि के केस में। माहिरीन ने कहा कि बिलउमूम ऐसे केस में जहां तहक़ीक़ात कारों को सबूत इकट्ठा करना मुश्किल नज़र आता है, वो किसी मुल्ज़िम को कलीदी सबूत पाने के लिए सरकारी गवाह माफ़ी याफ़ता बनाने की इस्तिदा करसकते हैं और इस के इव्ज़ में मुल्ज़िम को हल्की सज़ा या सज़ा से माफ़ी मिल सकती है।

लड़की के भाई ने ये मुतालिबा भी किया कि रेप केस के लिए क़ैद की मीयाद मौजूदा ज़्यादा से ज़्यादा उम्र क़ैद से 30 साल तक बढ़ा दी जाये। इस ने फ़ौजदारी इंसाफ़ सिस्टम के तहत नाबालिग़ फ़र्द की उम्र को घटा कर मौजूदा 18 साल से 14 साल करदेने की हिमायत भी की।

मुख़्तलिफ़ सवालात के जवाब में इस ने बैरूनी मीडीया के गोशा में मतोफ़ेह और इस के वालिद के ग़लत नामों के इस्तेमाल पर एतराज़ किया।इस ने कहा, अगरचे फ़ैमिली को लड़की और इस के वालिद का नाम मंज़र-ए-आम पर लाने में कोई एतराज़ नहीं, लेकिन जो नाम ज़ाहिर हो वो दरुस्त होने चाहिऐं।