उर्दू के मशहूर अफसाना निगार फख़रुद्दीन आरफ़ी ने आज प्रेस को अपना एक बयान जारी करके वजीरे आला जीतन राम मांझी को काबीना में 14 नए वुज़रा को शामिल करने पर मुबारकबाद दी है। खास तौर पर काबीना में दो मुस्लिम वुज़रा नौशाद आलम और जावेद इकबाल अंसारी को शामिल कने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया और कहा की बिहार काबीना में मुस्लिम वुज़रा की तादाद में इजाफा से मांझी हुकूमत पर अक्लियतों का एतमाद बढ़ा है। जिन दो नए मुस्लिम वजरा को काबीना में शामिल किया है, उनसे बात की पूरी तौक़िह है की वो अक्लियतों के मसायल और उर्दू ज़ुबान के फरोग के सिलसिले में खुसुसि तवज्जो देंगें ताकि 2015 में बिहार एसेम्बली के होने वाले इंतिखाब में मुसलमानों का भरपूर तावून मांझी हुकूमत को हासिल हो सके।
फख़रुद्दीन आरफ़ी ने इस सिलसिले में वज़ीर अक्लियती फ्लाह नौशाद आलम को हल्का अदब बिहार की जानिब से मुबारकबाद पेश की है और तौक़िह ज़ाहिर की है की उनकी अक्लियती फ्लाह के वज़ीर बनने के बाद तेज़ी से अक्लियतों के मसायल हल होंगे। खास तौर पर वो उर्दू ज़ुबान के फरोग के सिलसिले में खुसुसि दिलचस्पी लेंगे और जीतन राम मांझी वजीरे आला को उर्दू ज़ुबान के दारपेश मसायल से आशना करेंगे ताकि नौशाद आलम के मशवरे की रोशनी में उर्दू के सिलसिले में तामिरी और मुश्बत फैसला कर सके।
मिस्टर आरफ़ी ने ज़ोर दे कर कहा की जब तक हुकूमत उर्दू के सिलसिले में ईमानदाराना इक़दाम करते हुये इस के फरोग का समान नहीं करेगी, अक्लियतों का एतमाद हासिल नहीं कर सकती। जैसा की सब जानते हैं के उर्दू बिहार में दूसरी सरकारी ज़ुबान का दर्जा हासिल है लिहाजा एतबार से हुकूमत को उर्दू ज़ुबान के फरोग के लिए ठोस इकदमात करने होंगे। मिस्टर आरफ़ी ने मजीद कहा की नौशाद आलम के अक्लियती फ्लाह के वज़ीर बनने से उर्दू आबादी के दरमियान खुशी की लहर महसूस की जा रही है। इस लिए की उनका ताल्लुक इस सरजमीं से है जहां कसीर उर्दू आबादी रहती है। उर्दू ज़ुबान के ताल्लुक से पहले भी नौशाद आलम कोशिश करते रहे हैं। अब वक़्त आ गया है वो अमली तौर पर उर्दू ज़ुबान के फरोग के लिए मौसर इकदमात करें। मिस्टर आरफ़ी ने उन्हें यकीन दिलाया है की उर्दू के फरोग के लिए जो भी इकदमात वो करेंगे, हल्का अदब बिहार उनके भरपूर तावून करेगा।