दो साल से मोनू का अहले खाना से कोई ताल्लुक नहीं : जदयू

कई धमाकों में शामिल दहशतगर्द मोनू उर्फ तहसीन अख्तर से जदयू लीडर तकी अख्तर का रिश्ता जोड़ते हुए पार्टी और वज़ीरे आला की तस्वीर खराब करने की कोशिश पर पानी वसायल वज़ीर विजय कुमार चौधरी ने सख्त रद्दो अमल ज़हीर की है।

रियासती सदर वशिष्ठ नारायण सिंह की मौजूदगी में बुध को रियासत दफ्तर में प्रेस कोन्फ्रेंस में वज़ीर ने तकी अख्तर को क्लीन चिट दिया और कहा कि मंसूबा तरीके से पार्टी और सीएम के किरदार कशी की कोशिश कोशिश की जा रही है।

इसकी जितनी भी मज़मत की जाये, कम है। उन्होंने कहा कि समता पार्टी से जुड़े तकी अख्तर के बड़े भाई वसीम अख्तर का बेटा मोनू 2006 में मिडिल स्कूल करने के बाद दरभंगा पढ़ाई करने चला गया। मोनू अपने अबायी घर समस्तीपुर के कल्याणपुर के मनियारपुर गांव में 2011 के बकरीद में आखरी बार आया था। मोनू की खोज में 19 दिसंबर, 2011 को पहली बार बिहार पुलिस की टीम मनियारपुर आयी थी। जब मोनू के अहले खाना ने दरभंगा में उसकी खोजबीन की तो उसका कोई सुराग नहीं मिला।

जनवरी 2012 में उसके गुम होने का एफआइआर किया गया। तब से एनआइए या बिहार पुलिस की कई बार टीम जा चुकी है। खानदान वालों के तमाम मेंबरान का नंबर लेने के बाद कॉल डिटेल्स की बुनियाद पर यह वाज़ेह हो गया है कि मोनू का कोई ताल्लुक अपने खानदान से नहीं है। अहले खाना ने पुलिस अफसरों को वाज़ेह कहा है कि अगर मोनू के बारे में कोई सुराग मिलता है, तो वह खुद इसकी जानकारी देंगे।

मौके पर विधान पार्षद राज किशोर कुशवाहा, रियासत जेनरल सेक्रेटरी डा नवीन कुमार आर्य और लोक प्रकाश सिंह भी मौजूद थे।