दो साल से स्कॉलरशिप के लिए भटक रहे तालिबे इल्म

बीआईटी पॉलिटेक्निक के करीब 150 तालिबे इल्म को दो साल से स्कॉलरशिप की रकम नहीं मिली है। इसमें फ्लाह बोहबुद महकमा की उदासीनता ही पहली वजह है। स्टूडेंट्स गुजिशता दो सालों से महकमा के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन महकमा हर बार उन्हें इस यकीन के साथ मायूस कर देता है कि अगली बार दरख्वास्त कर देना, स्कॉलरशिप मिल जाएगी। लेकिन आज तक रकम नहीं मिली है। इस वजह से कई तालिबे इल्म अदारे की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं।

इक़्तेसादी तौर से कमजोर तालिबे इल्म की फीस स्कॉलरशिप की रकम से ही जमा होती है। स्कॉलरशिप नहीं मिलने से एसटी, एससी और ओबीसी तबके के तालिबे इल्म काफी परेशान हैं। अदारे की तरफ से भी उनकी मदद नहीं की जा रही है। ये तमाम तालिबे इल्म सेशन 2012-15 के हैं।

वहीं झारखंड के दूसरे रियासत में भी इंजीनियरिंग अदारों में तालीम हासिल कर रहे तालिबे इल्म को भी अभी तक स्कॉलरशिप की रकम नहीं मिली है।

अप्लीकेशन अप्रूव नहीं होना बन रहा बहाना

तालिबे इल्म को स्कॉलरशिप के लिए हर साल ऑनलाइन दरख्वास्त करना पड़ता है। सेशन 2012-15 के तालिबे इल्म भी दरख्वास्त ऑनलाइन जमा कर रहे हैं। लेकिन सैकड़ों तालिबे इल्म को स्कॉलरशिप यह कह कर नहीं दी जा रही है कि आपका अप्लीकेशन अप्रूव नहीं हो रहा है। जब तालिबे इल्म इसे ठीक कराने फ्लाह बोहदूब महकमा जाते हैं, तो कभी उन्हें ई-कल्याण हेल्प में ई-मेल करने को कहा जाता है। वहीं कभी ये कह कर लौटा दिया जाता है कि अगली बार दरख्वास्त करो स्कॉलरशिप मिल जाएगी।

ओबीसी तालिबे इल्म की सालाना फीस है 37 हजार रुपए

बीआईटी पॉलिटेक्निक में पढऩे वाले ओबीसी के हर तालिबे इल्म का सालाना फीश 37 हजार रुपए है। जबकि स्कॉलरशिप की रकम उन्हें 32 हजार रुपए मिलती है। इन्हें सिर्फ पांच हजार रुपए ही फीश के तौर में इजाफा देना पड़ता है। वहीं एसटी और एससी तबके के तालिबे इल्म को फीस की पूरी रकम स्कॉलरशिप के तौर में मिल रही है।