दो हजार के नोट की मांग के बावजूद, चलन मुश्किल….

हैदराबाद 12 नवंबर: 2000 के नोट तो हाथ में हैं लेकिन ताजरीन के पास चिलर नहीं होने के कारण बाजार में 2000 के नोट का चलन आम होना मुश्किल होता जा रहा है।

सरकार की ओर से जारी किए गए 2000 के नोट प्राप्त करने में सफल लोग अब इस नोट के बदले कुछ खरीद नहीं पा रहे हैं और दुकानदार इस नोट के बदले कम मूल्य के सामान की बिक्री से इनकार कर रहे हैं क्योंकि गाहक को वापस देने के लिए चिलर नहीं है। विक्रेताओं का कहना है कि अब तक 1000 रुपये के नोट हवाले करते हुए 200 रुपये का सामान भी खरीदा जाता तो 500 और 100 के नोट वापस किए जाते थे लेकिन अब बाजार में 500 के नोट न पहुंचने और 100 के नोटों की कमी के कारण स्थिति अधिक जटिल होती जा रही है क्योंकि नई नोट पेश करने वाला ग्राहक पुरानी 500 नोट वापस लेने से इनकार कर रहा है क्योंकि 8 नवंबर की मध्य रात्रि से 500 और 1000 के नोट के निरसन प्रक्रिया में आ चुकी है और उनका चलन बंद होने के बाद इन नोटों की मुआमलत सही नहीं है।

दोनों शहरों में बैंकों में लंबी कतारों में ठहरने के बाद 2000 के नोट प्राप्त करने वाले लोगों को अब चिलर प्राप्त समस्याओं का सामना है। बैंक के ज़िम्मेदारों के मुताबिक शहर में अचानक 100 रुपये के नोटों का चलन बढ़ने के कारण इन नोटों की मांग बढ़ गई है और यह नोट अब तेजी से बाजार में आने लगे हैं लेकिन 2000 के नोट हवाले कर के 100 या 150 की खरीद पर 900 या 850 रुपये का भुगतान कठिन प्रक्रिया होती जा रही है।

ताजरीन का कहना है कि अभी भी बाजार में मुद्रा की बिक्री जारी है क्योंकि शहर में 100 के नोटों की कमी का फायदा उठाते हुए ताजरीन को यह नोट बेचे जा रहे हैं और ताजरीन खरीदने और बेचने के मुआमलत न रुक जाएं इसके लिए 100 के नोट खरीदने के लिए मजबूर हो चुके हैं और वह इन परिस्थितियों में1000 रुपये के 100 नोटों के लिए 200 ता 300 रुपये का भुगतान कर रहे हैं लेकिन कानूनी दृष्टि से मुद्रा की बिक्री अपराध है।