दौरा-ए-जुनूबी अफ्रीका में भुवनेश्वर कुमार और‌ शिखर धवन

हिंदुस्तानी टीम दो टेस्ट और 3 वन्डे मुक़ाबलों के लिए जुनूबी अफ्रीका का रवां हफ़्ता दौरा कररही और करोड़ों क्रिकेट शाइक़ीन को इस दौरे का बेसबरी से इंतिज़ार है जिस की एक अहम वजह हालिया अर्सा में हिंदुस्तानी टीम के ग़ैरमामूली मुज़ाहिरे और दूसरी अहम वजह जुनूबी अफ्रीका की तेज़ और उछाल लेती विकटों पर टीम के नौजवान और बासलाहियत खिलाड़ियों के मुज़ाहिरे हैं।

हिंदुस्तानी टीम जिस ने 2011 में वन्डे वर्ल्ड कप के बाद से मुसलसल बेहतर मुज़ाहिरे करते हुए कई अहम टूर्नामैंटस अपने नाम किए हैं जिस में इंग्लैंड में आई सी सी चैंपियंस ट्रॉफ़ी भी काबिल-ए-ज़िकर है। हिंदुस्तानी टीम के हालिया मुज़ाहिरों और जीत में कई नौजवान खिलाड़ियों के मुज़ाहिरों ने अच्छे रोल अदा किया है जिस में ख़ुसूसन बैटिंग में इनिंगस‌ का शुरु करने वाले बाएं हाथ के जारिहाना ओपनर शिखर धवन और बौलिंग में टीम को बेहतर शुरूआत फ़राहम करने वाले सुइंग बोलर भुवनेश्वर कुमार क़ाबिल-ए-ज़िकर हैं।

हिंदुस्तान के हालिया मुज़ाहिरों में जीत का अगर तजज़िया किया जाये तो बैटिंग में जहां शिखर धवन ने टीम को तेज़ रफ़्तार शुरूआत फ़राहम की तो वहीं भुवनेश्वर कुमार ने शुरु ओवर्स में विकटें हासिल करते हुए दीगर बोलरों का काम आसान किया लेकिन जुनूबी अफ्रीका में इन दो खिलाड़ियों को सख़्त इम्तिहान‌ दरपेश होगा।

शिखर धवन की बैटिंग की ख़ुसूसियत ये है कि ये गेंद की लाईन में पहुंचकर अपने स्ट्रोक खेलते हैं ख़ुसूसन उनका कोर ड्राईव काफ़ी मुतास्सिर कुन होता है हालाँकि वो इस स्ट्रोकस के लिए गेंद को जिस्म से काफ़ी दूर खेलते हैं लेकिन उछाल लेती विकटों पर ना सिर्फ़ गेंद की लाईन पर पहुंच कर मनचाहा स्ट्रोक खेला जा सकता है और ना ही बैरूनी ममालिक की विकटों पर कवर ड्राईव इतना आसान स्ट्रोक होता है बल्कि वहां की विकटों पर कवर ड्राईव जोखिम भरा स्ट्रोक माना जाता है और इन हालात में ओपनर के स्ट्रोकस देखने के लायक़ होंगे।

जुनूबी अफ्रीका की विकटें चूँकि फ़ास्ट बोलरों के लिए साज़गार होती हैं लिहाज़ा यहां हरीफ़ बोलर्स बाउंसर्स और सुइंग गेंदों के ज़रिया हिंदुस्तानी बैट्समैनों को परेशान करने के मंसूबा पर कारबन्द होंगे लिहाज़ा शिखर धवन को यहां बर्र-ए-सग़ीर की विकटों पर खेली जाने वाली क्रिकेट के मिज़ाज से नुक़्सान उठाना पड़ सकता है।

बौलिंग शोबा में भुवनेश्वर कुमार के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं उन की बौलिंग की असल ताक़त सुइंग है जबकि रफ़्तार के मुआमले में ये काफ़ी पीछे हैं। जुनूबी अफ्रीकी विकटें चूँकि बोलरों को सुइंग फ़राहम करती हैं लिहाज़ा मेज़बान टीम के बैट्समैन अपनी विकटों के मिज़ाज से बख़ूबी वाक़िफ़ होने के इलावा बेहतर मुज़ाहिरे की सलाहियत भी रखते हैं।

इन हालात में अगर भुवनेश्वर कुमार अपनी सुइंग बौलिंग के ज़रिया टीम को कामयाबी दिलवाने में नाकाम होते हैं तो फिर उन की बौलिंग में इतनी रफ़्तार भी नहीं कि वो मेज़बान बैट्समैनों को परेशान करसकें जिस के कुछ सबूत वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ विशाखापटनम में दूसरे वन्डे में देखने को मिले जहां भुवनेश्वर कुमार ने जब भी शॉट गेंद फेंकी हरीफ़ बैट्समैनों ने उस पर बाउंडरयां स्कोर कीं।

शिखर धवन को उछाल लेती विकटों पर सब्र आज़मा बैटिंग और बड़े स्कोर के साथ भुवनेश्वर कुमार को भी अपनी सुइंग के ज़रिया मेज़बान बैट्समैनों को परेशान करने के लिए सख़्त चैलेंजस का सामना करना पड़ सकता है।