हैदराबाद, 27 मई- आखिरकार दो मंत्रियों के इस्तीफों को लेकर जारी सस्पेन्स आज समाप्त हुआ। राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन ने वज़ीर बराए रोड़ एण्ड बिल्डिंग धर्माना प्रसाद राव और देश में प्रदेश की पहली खातून होम मिनिस्टर पी. सबिता इंद्रा रेड्डी के इस्तीफे मंज़ूर कर लिये हैं।
चीफ मिनिस्टर एन. किरण कुमार रेड्डी ने ये गवर्नर को भिजवाए थे। वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की बेहिसाब दौलत के मामले फंसने वाले इन दोनों मंत्रियों को कांग्रेस पार्टी आलाकमान के हुक्म के चलते ओहदों से हटना पड़ा था। किरण कुमरा रेड्डी ने अपने दिल्ली दौरे से वापस लौटने के दूसरे दिन ही (20 मई को) दोनों मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए कैंप ऑफिस बुलाया था।
बताया जा रहा है कि अब मुतनाज़ा सरकारी ऑर्डर के मामले में फंसे दूसरे वज़ीरों को भी हटाने की माँग तेज हो सकती है। इस मामले में फंसे 6 मंत्रियों में मोपिदेवी वेंकट रमणा का नाम वानपिक मामले में पहली सीबीआई चार्जशीट में आने से वे पहले ही ओहते से हटे और फिलहाल जेल में हैं। उनके बाद मंत्री धर्माना का नाम भी वानपिक मामले में ही आया और डालमिया सीमेंट्स मामले में सबिता का नाम सीबीआई की चार्जशीट में आया। पहले इस्तीफा देने वाले धर्माना को बचाने का सीएम ने हर मुमकिन कोशिश की।
इसके तहत ही धर्माना का इस्तीफा लंबे समय तक ठंडे बस्ते में रखा गया, परंतु दिल्ली में दो मंत्रियों को बद उनवानी (भ्रष्टाचार) की वज्ह से ओहदों से हटना पड़ा था। उससे मजबूर होने के बाद रियासत के दाग़ी मंत्रियों पर भी ओहदों से हटने का दबाव दबाव बढ़ गया। इसी बीच पार्टी आलाकमान ने सीएम को दिल्ली आमंत्रित कर `क्लास’ ली।