धर्म की राजनीति कर रहे योगी, मुसलमान बीफ खाये तो मार दो और हिन्दू इंसान को मारे तो निर्दोष

लखनऊ: कल दादरी हत्याकांड के शिकार मोहम्मद अखलाक के घर से मिले मीट के सैंपल की फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वह सैंपल मीट न होकर बीफ ही था।  रिपोर्ट सामने आते ही बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या मामला दर्ज करने की मांग की और कहा कि  इस जांच की रिपोर्ट ने यूपी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है जिसका जवाब उन्हें जनता को देना होगा क्यूंकि उन्होंने इस मामले की जांच सही ढंग से न करवाकर मासूम हिन्दुओं को जेल में रखा।

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उन्होंने दावा किया कि जो 19 लोग दादरी हत्या के आरोपी कहे जा रहे हैं  असल में वे सब निर्दोष है इसलिए उन्हें जेल से रिहा किया जाना चाहिए और अख़लाक़ के परिवार पर गौहत्या के मामले में केस दर्ज किया जाना चाहिए और जो सहूलत अख़लाक़ के परिवार को मुहैया करवाई गई थी सब वापिस ली जानी चाहिए।  लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फोरेंसिक रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाये हैं कि कौन जानता है कि सैंपल किसे भेजे थे? किसने उसकी जांच की है? जनता सब जानती है और चाहती है कि इस हत्याकांड के दोषियों को सजा मिले और इन्साफ हो। अखिलेश ने कहा कि मथुरा में एक फोरेंसिक लैब की  तैयार रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि घटनास्थल से पाये गए सैंपल बीफ के थे जबकि उत्तर प्रदेश वेटनरी डिपार्टमेंट की तैयार की गई सबसे पहली रिपोर्ट के रिजल्ट कह रहे थे कि 28 सितंबर को दादरी में मोहम्मद अख़लाक़ के घर से जो सैंपल बरामद हुए थे वो मटन के थे।

इस मामले में जहाँ जांच एजेंसियों की ही रिपोर्ट्स आपस में नहीं मिल रही है। वहां आदित्यनाथ जैसे नेता कैसे कह सकते है कि अख़लाक़ के घर में गौमांस था और वे हिन्दू निर्दोष  है। इससे साफ़ जाहिर है कि देश में रहने वाले मुसलमान कितने सुरक्षित है। गौर करने की बात यह है कि चाहे अख़लाक़ ने घर में बीफ बनाया भी हो लेकिन गुस्से में आकर जिन लोगों ने अख़लाक़ को इतनी बेरहमी से मार दिया क्या वह कातिल नहीं है और सजा के हकदार नहीं है जो ये योगी आदित्यनाथ दलीलें पेश कर रहे हैं कि ये लोग निर्दोष है जिस के पीछे की वजह ये है कि वह हिन्दू हैं। तो फिर क्या ये समझें की कोई हिन्दू अगर एक गाय की हत्या के बदले में 100 लोगों का कत्ल भी कर दे तो क्या उसे निर्दोष मान जाए? ऐसे सवाल तो बहुत उठते है लेकिन ऐसे सवालों को हम आप पर ही छोड़ते हैं।

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