धार्मिक आधार पर उत्पीड़न की अनुमति नहीं दी जा सकती: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली 15 अक्टूबर: भारत को सहिष्णुता विश्वविद्यालय बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में धार्मिक उत्पीड़न की अनुमति नहीं दी जा सकती।

उन्होंने इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल में ईसाई नेताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण अस्तित्व के लिए सहिष्णुता चाहिए। सभी धर्मों के लोग भारत में शांति से रहते हैं और किसी भेदभाव के डर के बिना अपने धर्म का पालन करते हैं। इसीलिए भारत सहिष्णुता विश्वविद्यालय है। राजनाथ सिंह ने कहा कि ईसाई धर्म लगभग 2,000 साल पहले भारत आई थी और केरल में सेंट थॉमस चर्च है जो दुनिया के सबसे पुराने गर्जन में शुमार होता है।

उन्होंने कहा कि भारत सेंट थॉमस से मदर टेरेसा तक ईसाइयों के रोल को भुला नहीं सकता, जो हमारे देश में बुराइयों का खात्मा करने के लिए संघर्ष किया था।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले चर्चों पर हमलों के घटनाएं हुई। लेकिन वे कहना चाहते हैं कि चुनाव के पहले या बाद में हो धार्मिक उत्पीड़न की अनुमति नहीं दी जा सकती और न धार्मिक आधार पर लक्षित की अनुमति दी जा सकती है।

पाकिस्तान को निशाना बनाते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भारत ने सेक्युलर देश रहने का फैसला किया जबकि पाकिस्तान ने खुद को धार्मिक राज्य करार दे दिया और अब वह सरकारी नीति के रूप में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

उन्होंने कहा कि 1947 में भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया इसके बावजूद भारत ने खुद सेक्युलर रहने का फैसला किया।जो लोग भारत से अलग हुई और उसने खुद को धार्मिक राज्य करार दे दिया और अब वह आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है।