नयी दिल्ली : सुनील भारती मित्तल ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा दान देने की घोषणा की है. उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनका परिवार अपनी संपत्ति का 10 प्रतिशत हिस्सा कल्याणकारी कामों में लगायेगा. भारती परिवार समाज के गरीब तबके के वंचित युवाओं को नि:शुल्क शिक्षा के लिए सत्य भारती विश्वविद्यालय स्थापित करेगा. नयी पीढी का यह विश्वविद्यालय विज्ञान व प्रौद्योगिकी पर केंद्रित होगा जिनमें कृत्रिम समझ, इंटरनेट आफ थिंग्स व रोबोटिक्स शामिल है. प्रस्तावित विश्वविद्यालय उत्तर भारत में 2021 तक परिचालन में आ जाएगा.
सुनील भारती मित्तल ने कहा कि यह हमारा बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है और मैं साठ साल का हो गया हूं. मुझे इस उम्र में ऐसे काम करने का इरादा पहले से ही था. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से भारत सहित दुनिया के तमाम एक्सपर्ट जुड़ेंगे. देश में कई आइआइटी के निदेशक से लेकर विदेशों में जुकरबर्ग, सुंदर पिचई ये सब मेरे मित्र हैं. मैं उनका सहयोग लूंगा.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इन्फोसिस के गैर कार्यकारी अध्यक्ष नंदन नीलेकणी और उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणी ने फैसला किया था कि वे अपनी आधी संपत्ति सामाजिक कार्य के लिए दान दे देंगे. नीलेकणी दंपती ने यह निर्णय माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स के द गिविंग प्लेज अभियान के तहत लिया है. नीलेकणी सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की शीर्ष हस्तियों में शुमार हैं और देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इन्फोसिस के सह संस्थापक हैं.
दिग्गज निवेशक और बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने भी साठ साल पूरे होने पर संपत्ति का एक हिस्सा दान देने की घोषणा की थी. राकेश झुनझुनवाला का कहना है कि 60 साल की उम्र होने पर वे 5 हजार करोड़ रुपए या अपनी कुल संपत्ति का 25 फीसदी हिस्सा दान करेंगे. भारत के वॉरन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला 5 जुलाई 2020 को 60 साल के होंगे. मुंबई में पले-बढ़े राकेश झुनझुनवाला एप्टेक लिमिटेड और हंगामा डिजिटल मीडिया इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन हैं. साथ ही करीब 11 कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का हिस्सा हैं.