नई यहूदी बस्तियों का निर्माण शांति कायम करने में ‘मददगार’ नहीं होगी: अमेरिका

वाशिंगटन: व्हाइट हाउस की ओर से नई यहूदी बस्तियों के निर्माण के इजरायली फैसले को शांति के लिए खतरा करार दिया गया है। इस बयान को राष्ट्रपति ट्रम्प की फिलिस्तीन के हवाले से नीति में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

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डीडब्ल्यू के अनुसार व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सेन स्पाईसर ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका यह समझता है कि यहूदी बस्तियों का निर्माण शांति के लिए बाधा नहीं, हालांकि उनमें विस्तार या नई बस्तियों का निर्माण शांति हासिल करने के लिए मददगार नहीं होगा। इस बयान से ट्रम्प के रुख में बदलाव दिख रहा है, क्योंकि इससे पहले अपने बयान में वह इजरायली बस्तियों के निर्माण का खुलकर समर्थन करते रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद इज़राइल के दक्षिणपंथी नेताओं और परंपरावादियों ने बेहद खुशी ज़ाहिर किया था। उनका कहना था कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के विपरीत ट्रम्प यहूदी बस्तियों के निर्माण की अनुमति दे देंगे। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के बावजूद ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के एक सप्ताह बाद इज़राइल की ओर से बैतूल मुकद्दस के पश्चिमी तट पर तीन हजार नए घरों के निर्माण की योजना की घोषणा की थी।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता का इस संबंध में कहना था, कि ” ट्रम्प प्रशासन ने यहूदी बस्तियों के निर्माण गतिविधियों के बारे में अब तक कोई भी सरकारी रुख नहीं अपनाया है, लेकिन इस बारे में अधिक बातचीत जारी रखी जाएगी। इस महीने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नितेनयाहू राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलेंगे और उनसे भी बातचीत होगी। ”अमेरिकी राष्ट्रपति पंद्रह फरवरी को व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे।