तिरुअनन्तपुरम , 31 मार्च (पी टी आई) सऊदी अरब की नई लेबर पालिसी ने जिस से इस रियासत के तारिक़ वतन वर्कर्स मुतास्सिर होने का अंदेशा है, कोई परेशानी की सूरत-ए-हाल पैदा नहीं करदी है और हिन्दुस्तान इस मसले का हल इस मुल्क के साथ अपने दोस्ताना ताल्लुक़ात की बुनियाद पर बरामद करने की कोशिश कर रहा है, चीफ़ मिनिस्टर केराला ओमन चंडी ने आज ये बात कही।
उन्होंने यहां प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब के दौरान कहा, हमें इस मामले की दोस्ताना यकसूई की तवक़्क़ो है क्योंकि हिन्दुस्तान का सऊदी अरब के साथ अच्छा और दोस्ताना तिजारती रिश्ता है। कोई भी ख़ौफ़-ओ-हैरानी की सूरत-ए-हाल उस लेबर पालिसी बउनवान नताक़त के सबब नहीं, जो सऊदी अरब की नौकरीयों को मुक़ामी अफ़राद की शमूलीयत की मसाई का हिस्सा है।
इस फ़ैसले ने इस मुल्क में बरसर रोज़गार लाखों केराला वालों को अपनी नौकरीयों के ताल्लुक़ से फ़िक्रमंद बनादिया है। रियासत ये मसला वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और वज़ीर उमूर ख़ारिजा सलमान ख़ुरशीद के पास उठ चुका है।
वो केराला से ताल्लुक़ रखने वाले मर्कज़ी वुज़रा ए के अनटोनी, वीलार रवी और ई अहमद से भी रुजू हुई और मर्कज़ की मुदाख़िलत चाही ताकि सऊदी अरब इस मसले पर फ़राख़दिलाना मौक़िफ़ इख़तियार करे। चंडी ने कहा कि ये पालिसी जुलाई 2009 में लागू हुई लेकिन अब सऊदी हुकूमत ने इस पर सख़्ती से अमलावरी का फ़ैसला किया है।