नई दिल्ली: नए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पदभार ग्रहण करते ही पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे सख्त चेतावनी दी है. जनरल रावत ने कहा कि हम अमन चाहते हैं, मगर जरूरत पड़ने पर सीमा पर ताकत का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं बरतेंगे. उनहोंने यह भी कहा कि हमारी कोशिश शांति बनाने की होगी, मगर इसे कोई हमारी कमजोरी समझने की भूल न करे.
जनसत्ता के अनुसार, नए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पदभार ग्रहण करते ही कहा कि हम अमन चाहते हैं, मगर जरूरत पड़ने पर सीमा पर ताकत का इस्तेमाल करने से परहेज नहीं बरतेंगे.
इस दौरान वरिष्ठता की अनदेखी कर सेना प्रमुख बनाए जाने संबंधी सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने इसे सरकार का फैसला बताया. दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के अपने अपने पदों पर बने रहने की घोषणा की तारीफ भी की.
नए सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को ऐसे समय चेतावनी दी है जब भारत-पाक सीमा पर लगातार हुए संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण 63 जवान शहीद हुए हैं. जनरल रावत ने कहा कि सेना की दूरदर्शिता और प्राथमिकताओं में बदलाव लाने का उनका कोई इरादा नहीं है. उनकी नजर में सेना का हर जवान चाहे वह किसी भी पलटन का हो, बराबर है.
गौरतलब है कि दो अधिकारियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर जनरल रावत की नए सेना प्रमुख के रूप पर विवाद खड़ा हो गया था. जिन वरिष्ठ अधिकारियों पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और दक्षिणी कमान ने जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज के इस्तीफा देने की अटकलें लग रही थीं. हालांकि रक्षा मंत्री मनोहर परिकर से मुलाकात के बाद दोनों अधिकारियों ने अपने पद पर बने रहने और जनरल रावत को सहयोग देने की घोषणा की.
जनरल रावत ने रविवार को 27वें सेना प्रमुख के तौर पर पदभार ग्रहण कर लिया. इस दौरान उन्हें परंपरा के मुताबिक साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.