नए दिफ़ाई मंसूबा को हुकूमत की मंज़ूरी

फ़ौजी सरबराह जनरल वी के सिंह की जानिब से आलात की क़िल्लत को नुमायां किए जाने के बाद वज़ारत-ए-दिफ़ा ने इंतेहाई तेज़ी के साथ फ़ैसला साज़ी का अमल शुरू कर दिया है । इसने एक नए दिफ़ाई मंसूबा को मंज़ूरी दी और मौजूदा ख़रीदारी पालिसी बिशमोल टेक्नोलाजी की मुंतक़ली में भी बड़े पैमाने पर तब्दीली लायी।

वज़ीर-ए-दिफ़ा ए के अनटोनी की ज़ेर-ए-क़ियादत दिफ़ाई हुसूलयाबी कौंसल ( डी ए सी ) ने 15 साल पर मुश्तमिल तवील मुद्दती मंसूबा बंदी को मंज़ूरी दी है जिस में मुसल्लह अफ़्वाज की ज़रूरीयात को पेशे नज़र रखते हुए इसे जल्द से जल्द और ख़ानगी शोबा की सरगर्म शमूलीयत के ज़रीया पूरा किया जाएगा ।

डी ए सी के दो घंटे तवील इजलास में फ़ौजी सरबराह जनरल वी के सिंह आई ए एफ़ सरबराह एन ए के बरूँ और बहरीया के सरबराह निर्मल वर्मा ने शिरकत की । ए के अनटोनी ने फ़ौजी सरबराह और दीगर सीनीयर फ़ौजी ओहदेदारों के हमराह एक घंटा तवील अलहदा इजलास मुनाक़िद किया जिसमें मुसल्लह अफ़्वाज की ज़रूरीयात का जायज़ा लिया गया ।

दिफ़ाई ख़रीदारी कौंसल वज़ारत-ए-दिफ़ा का आला तरीन शोबा है, जिस में ख़रीदारीयों की तजावीज़ पर तबादला-ए-ख़्याल किया जाता है जिसका ताल्लुक़ फ़ौज के तीनों शोबों, डी आर डी ओ और साहिली मुहाफ़िज़ीन से है। जनरल वी के सिंह की जानिब से आलात की क़िल्लत का मसला उठाने के पस-ए-मंज़र में वज़ारत-ए-दिफ़ा ए के अनटोनी ने आज फ़ौज को हिदायत दी कि वो अपनी ख़रीदारी के तरीका-ए-कार को चुस्त और दरुस्त बनाए ताकि ख़रीदारी में ताख़ीर के लिए जवाबदेही का ताय्युन किया जा सके।

वज़ीर-ए-दिफ़ा ने ज़्यादा माली इख़्तेयारात फ़ौज के तीनों शोबों के हेडक्वार्टर्स को फ़राहम करने की ज़रूरत की ताईद की और कहा कि इस से आलात और असलाह निज़ाम के तेज़ रफ़्तार हुसूल में मदद मिलेगी। वज़ीर-ए-दिफ़ा ए के अनटोनी ने फ़ौज को चुस्त और दरुस्त बनाने और ख़रीदारी के तरीका-ए-कार को शफ़्फ़ाफ़ बनाने पर तबादला-ए-ख़्याल किया ताकि किसी भी कोताही के लिए ज़िम्मेदार अफ़राद को जवाबदेह बनाया जा सके।

उन्हों ने वज़ारत-ए-दिफ़ा और फ़ौजी ओहदेदारों से ख़ाहिश की कि वो तकनीकी इर्तिक़ा और तजुर्बात के लिए सिर्फ़ कर्दा वक़्त को महिदूद तरीन करने के इम्कानात का जायज़ा लें।