नए साल में किसानों के लिए नई बीमा योजना : राधामोहन

मोतिहारी:नये साल में पूरे देश में किसानों के लिए नई बीमा योजना लागू होगी। वर्तमान में चल रही बीमा नीति में बदलाव किया जाएगा। इसकी प्रीमियम दर कम रहेगी और किसानों को जल्द भुगतान की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। ये बातें केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहीं। वे शुक्रवार को नगर भवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के जन्म दिवस पर आयोजित जय किसान, जय विज्ञान समारोह सह किसान वैज्ञानिक महासंगम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

श्री सिंह ने कहा कि खेती से नौजवानों को भागने की जरूरत नहीं। अब उन्हें भारत सरकार रोजगार की ट्रेनिंग देगी। अगले साल जनवरी में पिपराकोठी में कौशल विकास केन्द्र खोला जाएगा। यहां हर साल गांवों के 250 बेरोजगार युवाओं को टे्रनिंग देकर रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि जय किसान, जय विज्ञान योजना का मकसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच को धरातल पर उतारना है। इसे अपनाकर किसान अधिक उत्पादन कर सकेंगे। अब किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा। इसके लिए देशभर में 250 सरकारी मार्केट खोले जा रहे हैं।

सभी मार्केट नवीनतम सॉफ्टवेयर से जुड़े होंगे। किसान एक मार्केट में बैठकर पूरे देश की मंडियों के बाजार भाव की जानकारी ले सकेंगे। इसकी शुरूआत हो चुकी है। अकेले कर्नाटक में 50 ऐसे मार्केट खुल चुके हैं। कर्नाटक के अलावा अन्य 10 राज्यों ने भी ऐसे केंद्र खोलने के लिए स्वीकृति दी है। श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने नजदीक से गरीबी देखी है। वे चाहते हैं कि अटल जी के सपनों का भारत बने। इसके लिए कृषि को विज्ञान से जोड़ने के लिए देश में जय किसान, जय विज्ञान कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। कहा कि देश भर में हो रहे जलवायु परिवर्तन के परिप्रक्ष्य में यह कार्यक्रम कारगर साबित होगा।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने परिसर में इफको द्वारा लगाये गये कृषि मेले के स्टॉल का निरीक्षण किया। संचालन राकेश कश्यप ने किया। समारोह को नगर विधायक प्रमोद कुमार, इफको के संयुक्त महाप्रबंधक योगेन्द्र कुमार, राज्य विपणन प्रबंधक डॉ. अजय सिंह, मुख्य क्षेत्र प्रबंधक विनोद कुमार सिंह, कार्यवाहक वीसी डॉ. एकेपी सिंह, पूर्व वीसी गोपालजी त्रिवेदी, क्षेत्रीय पदाधिकारी सुजीत कुमार, डीएओ रामबाबू, पीडी लक्ष्मण प्रसाद, डॉ. बीपी भप्त, डॉ. संत कुमार सिंह, डॉ. केके झा सहित आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने संबोधित किया।