सोमवार को इजराइल द्वारा कब्जाए गए इलाको में “अल-नकबा”, “तबाही का दिन” की 69वी जयंती के मौके पर फिलिस्तीनी नागरिको की इजरायली पुलिस के साथ मुठभेड़ की खबरे आयी है| आज ही के दिन इजराइल ने 750,000 फिलिस्तीनी नागरिको को उन्ही के देश से जबरन बाहर निकाल दिया था|
वेस्ट बैंक के शहर बेथलेहेम में हुई मुठभेड़ में कई लोग चोटिल हुए है, पलिस्तीनियो ने पुलिस पर पथराव किया जिसकी जवाबी करवाई में इसरायली पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस से हमला किया| वेस्ट बैंक के एक और शहर रामल्लाह के पास इस्राएलियों की गैर कानूनी बस्ती बैट-एल के बहार भी मुठभेड़ की घटना सामने आयी है|
फिलिस्तीनियों ने इजराइल, कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक और ग़ज़ा पट्टी में कई रैलियां, मार्च और मोमबत्ती लेकर उसी दिन जलूस निकाले जिस दिन इजराइल खुदके स्वतंत्र होने की याद दिला रहा था|
फिलिस्तीनी के लिए मध्यस्थ करने वाले अधिकारी सेब एरेकत, जिन्होंने दो-राष्ट्र समाधान वाले ओस्लो समझौते में भी भाग लिया था, इजराइल से मांग करी की वह नकबा के लिए मांफी मांगे|
एरेकत ने एक बयां में कहा की “हमारा राष्ट्र नकबा का 69वा साल मना रहा है, जो राष्ट्रीय तबाही, देशनिकाला और संयोजित रूप से अधिकारों को ख़तम किये जाने का प्रतिक है|”
“नकबा के दौरान बच्चे फिलिस्तीनियों और उनके वंशज 1948 के बाद से फिलिस्तीन के बहार रह रहे है, इनमें से कहीं लोग अभी भी राज्यविहीन है या शरणार्थी शिवरो में दयनीय अवस्था में रहने को मज़बूर हैं|
इजराइल ने अब भी इन लोगो को अपने घर वापिस आने से रोका हुआ है| फिलिस्तीनियों ने बताया की वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव संख्या १९४ के अनुसार अपने घर पलेस्टाइन जाने का पूरा हक़ रखते है|